जिस तरह सोना तपकर कुंदन बनता है, द्रमुक उसी तरह उभरी : स्टालिन

जिस तरह सोना तपकर कुंदन बनता है, द्रमुक उसी तरह उभरी : स्टालिन

चेन्नई। द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में फैसला उन लोगों के लिए झटका है जो पार्टी को दागदार बनाना चाहते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कनिमोई और ए राजा के इस मामले में बरी होने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अब उस रूप में उभर कर सामने आयी है जैसे सोना तपकर कुंदन बन जाता है। इस फैसले में विशेष न्यायाधीश द्वारा की गयी कुछ टिप्पणियों का हवाला देते हुए स्टालिन ने कहा कि इससे पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर द्रमुक को बदनाम करने के इरादे से यह मामला ग़ढा गया था।द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष ने पार्टीजन के नाम से लिखे पत्र में कहा है, बेबुनियाद झूठे आरोपों को लेकर अपमान एवं बदनामी झेलने के बाद द्रमुक बाहर आयी है और जिस तरह सोना तपकर कुंदन बनता है, उसी तरह वह सात साल बाद तपकर कुंदन बनकर उभरी है। दिल्ली की एक विशेष अदालत द्वारा पार्टी नेताओं राज्यसभा सदस्य कनिमोई और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को बरी किये जाने के अगले दिन स्टालिन ने कहा कि द्रमुक को हमेशा से ही विश्वास था कि एक दिन सचाई दुनिया के सामने आएगी। उन्होंने कहा कि बतौर दूरसंचार मंत्री राजा ने समाज के गरीब तबकों के कल्याण के इरादे से टू जी स्पेक्ट्रम में प्रगतिशील तरीके अपनाए। इससे मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या ब़ढी और कॉल दरें घटीं।उन्होंने कहा कि कैग विनोद राय ने स्पेक्ट्रम आवंटन में १.७६ लाख करो़ड रुपये के अनुमानित नुकसान का आरोप लगाया और जो लोग व्यावहारिक एवं अनुमान के अंतरों से वाकिफ थे, उन्होंने भी इसे हवा दी । स्टालिन ने २०११ के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, राजनीतिक बदले की भावना से और मीडिया ने सनसनी पैदा करने के इरादे से चुनाव के मैदान में इस मुद्दे को उलझा दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और उनके पिता एम करुणानिधि को जब इस मामले के परिणाम के बारे में बताया गया तो वह खुशी से फूले नहीं समाए।

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