पनीरसेल्वम के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को चुनौती देने वाली याचिका अदालत ने खारिज की
पनीरसेल्वम के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को चुनौती देने वाली याचिका अदालत ने खारिज की
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. सुंदर की प्रथम पीठ ने वकील वी. इलांगोवन की याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का जिक्र किया जिसमें दिवंगत देवी लाल को उप प्रधानमंत्री बनाए जाने को चुनौती दी गई थी और बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र किया जिसमें गोपीनाथ मुंडे को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने को चुनौती दी गई थी। इलांगोवन ने २९ अगस्त की अपनी याचिका में तर्क दिया था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पनीरसेल्वम ने संविधान के विपरीत उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इलांगोवन ने दावा किया कि उन्हें केवल मंत्री के रूप में शपथ लेना चाहिए थी न कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर और इसलिए उनकी नियुक्ति वैध नहीं है।