स्कूल भवन से निकाले जाने के बाद धरने पर बैठै एनएसडी के विद्यार्थी

स्कूल भवन से निकाले जाने के बाद धरने पर बैठै एनएसडी के विद्यार्थी

बेंगलूरु। यहां के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के ५० से अधिक विद्यार्थी गुरुवार को उन्हें स्कूल भवन से निकाले जाने के बाद धरने पर बैठ गए। कर्नाटक युवा सशक्तिकरण और खेल विभाग ने इन विद्यार्थियों को राज्य सरकार के स्वामित्व वाले गुरुनानक भवन से निकाल दिया जिसके बाद इन्होंने विरोध प्रदर्शन शुुरु कर दिया। एनएसडी बेंगलूरु में सभी दक्षिणी राज्यों के विद्यार्थी पढते हैं। संस्थान परिसर को खाली करवाए जाने के बाद सभी विद्यार्थी संस्थान के परिसर के भीतर ही धरने पर बैठ गए हैं। गुरुवार की सुबह कुछ पुलिसकर्मियों ने इन विद्यार्थियों का सारा सामान बाहर फेंक दिया और ऑडिटोरियम पर ताला ज़ड दिया। विभाग के अधिकारियों के अनुसार एनएसडी सेंटर अवैध गतिविधियों में लिप्त था। विद्यार्थियों को स्कूल भवन में रखा जा रहा था। इस संबंध में एनएसडी के बेंगलूरु सेंटर के निदेशक सी बसवलिंगैया ने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूल में रहने की अनुमति देना अवैध नहीं था क्योंकि यह सभी विद्यार्थी हर दिन अभ्यास करते थे। अधिकारियों का कहना है कि एनएसडी ने पिछले कई महीनों से ५५,००० रुपए प्रति महीने के किराए का भुगतान भी नहीं किया है। इसी क्रम में कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य मोहन कोंडाजी और अन्य कई नेता तथा साहित्यिक हस्तियां एनएसडी के समर्थन मंे आ गए हैं और इन लोगों ने गुरुवार को विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे धरने में हिस्सा लिया। विधान परिषद सदस्य मोहन कोंडाजी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल के लिए ३ एक़ड जमीन आवंटित की थी और अब छात्रावास भवन बनकर तैयार हो चुका है। हालांकि ऑडिटोरियम के निर्माण मंे अभी कुछ समय लगेगा और सरकार को स्कूल को इसकी गतिविधियां मौजूदा भवन से संचालित करने की अनुमति देनी चाहिए। युवा सशक्तिकरण विभाग की ओर से की गई इस कार्रवाई से स्टेज कलाकार हैरान हैं क्योंकि यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब एनएसडी का बेंगलूरु चेप्टर ८ वें थियेटर ओलंपिक का आयोजन करने की तैयारियों में जुटा है। ज्ञातव्य है कि बेंगलूरु एनएसडी सेंटर देश में नई दिल्ली स्थित मुख्य एनएसडी सेंटर की एकमात्र इकाई है। विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन ऐसे प्रतीत हो रहा था जैसे किसी पेशेवर थियेटर का टेंट भारी तूफान में बिखर गया हो। पिछले चार दिनों से शहर में लगातार बारिश हो रही है और ऐसी स्थिति में भी विद्यार्थियों द्वारा अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा जा रहा है। सीमांध्र, तेलांगना, तमिलनाडु, केरल और केन्द्र शासित प्रदेश पुदुच्चेरी तथा लक्षद्वीप के थियेटर विद्यार्थी अपनी भाषाओं में इस बंद प़डे परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एनएसडी बेंगलूरु के निदेशक बसवलिंगैया ने पत्रकारों से बताया कि सेंटर को दिए गए भवन का किराया २०,००० रुपए प्रति महीने से बढाकर ५५,००० रुपए प्रति महीने कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से यह कार्रवाई एनएसडी द्वारा गुरुनानक भवन को ३० वर्ष के लिए पट्टे पर देने के लिए पत्र लिखने के ठीक बाद की गई है। उन्होंने बताया कि एनएसडी थियेटर ओलंपिक का आयोजन करना चाह रहा है और यदि सरकार इसे ऑडिटोरियम को तीस वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर देती है तो एनएसडी ने इस ऑडिटोरियम का नवीनीकरण ३ करो़ड रुपए की लागत से करने की पेशकश भी की थी। बसवलिंगैया ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत चल ही रही थी और रोशन बेग और उमाश्री जैसे मंत्री मुख्यमंत्री सिद्दरामैया से इस मुद्दे पर बात कर ही रहे थे कि विभाग ने हमें ऑडिटोरियम से बाहर कर दिया। ज्ञातव्य है कि ग्रीस, जापान, रुस, तुर्की दक्षिण कोरिया, चीन और पालैंड के बाद पहली बार भारत में थियेटर ओलंपिक का आयोजन होने जा रहा है।विभाग की इस कार्रवाई के बाद संस्थान के परिसर में एनएसडी के लगभग 50 छात्र धरने पर बैठ गए हैं।

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