कई स्थानों पर प्रशासन ने जारी की निषेधाज्ञा

कई स्थानों पर प्रशासन ने जारी की निषेधाज्ञा

मेंगलूरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता पर ४ जुलाई को हुए जानलेवा हमले के बाद इलाज के बावजूद शुक्रवार रात यहां के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पुलिस ने एहतियाती तौर पर कानून-व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त रखने के लिए पूरे शहर में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। मृतक संघ कार्यकर्ता का नाम शरत मडिवाला (२८) था। वह बंटवाल के पास कंडूर का रहने वाला था। जानलेवा हमले के बाद तीन दिनों तक जीवन और मृत्यु से संघर्ष करने के बाद अंतत: उसने कल रात आखिरी सांस ली। उसकी मौत की खबर मिलने के बाद स्थानीय संघ नेता और कार्यकर्ता ब़डी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, शरत मडिवाला की मौत के बाद शहर की व्यस्त बीसी रोड इलाके में प्रशासन द्वारा घोषित निषेधाज्ञा के बावजूद भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया था। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालात में ब़ढते तनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले इस शहर में कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए कई ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। पुत्तुर, सुल्लिया, बेलतांग़डी और दक्षिण कन्ऩड जिले के बंटवाल में ११ जुलाई तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इससे पूर्व बंटवाल में २७ मई को दो समूहों के बीच हुए टकराव को देखते हुए जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू किया था। बाद में टकराव और तनाव ने चार तालुकों को अपनी लपेट में ले लिया। इसके मद्देनजर प्रशासन ने भी सख्ती बरतते हुए निषेधाज्ञा की समय सीमा ब़ढा दी। वहीं, २१ जून को बंटवाल के बेंजानपडवु इलाके में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। इसने भी इलाके में तनाव के हालात पैदा कर दिए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने निषेधाज्ञा की मोहलत फिर से ब़ढा दी।

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