बेंगलूरु मध्य: क्या हैट्रिक लगा पाएंगे मोहन?
बेंगलूरु मध्य: क्या हैट्रिक लगा पाएंगे मोहन?
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भाषा और धर्म संबंधी विविधताओं से परिपूर्ण बेंगलूरु मध्य लोकसभा सीट पर फतह हासिल करने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार इन दिनों खूब पसीना बहा रहे हैं। यहां 18 अप्रैल को मतदान होगा।
यहां से मौजूदा भाजपा सांसद पीसी मोहन जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं। वे दो बार इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष रिजवान अरशद, जिन्हें कांग्रेस-जनता दल (एस) का समर्थन हासिल है, यह सीट जीतने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।हालांकि दोनों को अभिनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश राज से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। वे घर-घर जाकर मतदाताओं से इस बार ‘अलग तरह से सोचने’ की अपील कर रहे हैं।
बैंक से एक सेवानिवृत्त कर्मचारी बताते हैं कि मृदुभाषी मोहन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा है। साथ ही उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश की। यह सब उन्हें इस सीट से तीसरी बार जीतने में मदद करेगा।
भाजपा उम्मीदवार कहते हैं कि बेंगलूरु मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ने कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं। वे इसके लिए मौजूदा केंद्र सरकार की भूमिका का भी उल्लेख करते हैं जिसने सड़क, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के लिए धन मुहैया कराया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र में सभी को लाभ मिला है।
महादेवपुरा से एक स्थानीय निवासी कहते हैं कि राज्यभर में मोदी लहर चल रही है और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं के समन्वित प्रयासों से भाजपा के उम्मीदवार को 18 अप्रैल के चुनाव में आसानी से जीत हासिल करने में मदद मिलेगी।
हालांकि रिजवान, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे, अब अपनी जीत के लिए भरोसा जताते हैं। उन्होंने कहा कि अब स्थिति अलग है। पिछली बार मुझे आखिरी लम्हों में पार्टी का टिकट मिला था, जो हार की एक वजह रही। इस बार, पार्टी की ओर से टिकट मिलने के अग्रिम आश्वासन के साथ मैं निर्वाचन क्षेत्र के अधिकांश घरों में पहुंचने में कामयाब रहा और ये प्रयास इस बार मुझे जीतने में मदद करेंगे।
शिवाजीनगर क्षेत्र के निवासी एवं पेशे से हॉकर एक शख्स कहते हैं कि यहां कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के पांच विधायक हैं। इनमें से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव की गांधीनगर सीट भी है। वहीं, तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है। यह बिंदु यहां के चुनाव नतीजे को पूरी तरह कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में जाने से रोकता है।
रिजवान, जो कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य भी हैं, को एक समुदाय के मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इस निर्वाचन क्षेत्र में उनकी काफी तादाद भी है। उसके कुछ नेताओं ने टिकट न दिए जाने पर अपनी ‘पीड़ा’ भी व्यक्त की है। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश राज की उपस्थिति को भी रिजवान के लिए चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि प्रकाश राज की एंट्री से कांग्रेस के वोट का बंटवारा हो सकता है, जिसका फायदा भाजपा को जाएगा।
मौजूदा सियासी समीकरणों पर एक स्थानीय मतदाता कहते हैं कि अगर कांग्रेस उम्मीदवार पार्टी के भीतर असंतोष को समाप्त कर लेते हैं और दूसरे समुदायों को जोड़ने में सफल होते हैं तो उनका पक्ष यकीनन मजबूत होगा। बता दें कि इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशियों सहित 22 उम्मीदवार मुकाबले की तैयारी कर चुके हैं।