शहीद गुरु की पत्नी ने कहा- मेरे पति की आत्मा को अब मिलेगी शांति
शहीद गुरु की पत्नी ने कहा- मेरे पति की आत्मा को अब मिलेगी शांति
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकी फिदायीन हमले में मंड्या के शहीद जवान एच. गुरु की पत्नी कलावती ने वायुसेना के ल़डाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर उस हमले की जिम्मेदारी लेनेवाले दहशतगर्द गिरोह जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त किए जाने पर प्रसन्नता जताई है।
कलावती के साथ ही शहीद का पूरा गांव आज बदले की इस कार्रवाई के बाद जश्न के रंग में रंगा नजर आया। कलावती ने इस जश्न के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, मुझे लगता है कि भारतीय सेना की इस कार्रवाई से हमारे देश के शहीद जवानों की आत्मा को शांति मिलेगी। कलावती ने कहा कि अपने पति को खोने की टीस उनके दिल में आज भी भरी हुई है लेकिन वायुसेना की बहादुरी ने उनके दर्द पर मलहम लगाने का काम किया है।उल्लेखनीय है कि मंड्या जिले के गुदिगेरे गांव में रहनेवाले शहीद एच. गुरु का मृतदेह जिस समय उनके गांव पहुंचा था तो पूरा गांव सिसक उठा था। वहीं, मंगलवार तड़के पाकिस्तानी आतंकियों के शिविर को भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों द्वारा नेस्तनाबूद किए जाने की खबर मिलने के बाद लोग जश्न के माहौल में डूब गए।
ग्रामीणों ने वायुसेना की इस दिलेरी को सलामी देने के लिए एक मार्च निकाला और शहीद एच. गुरु के घर पर पूरे गर्व की भावना के साथ भारतीय तिरंगा फहराया, जो शहीद के प्रति ग्रामीणों की श्रद्धांजलि भी थी।इस मौके पर मीडिया से बातचीत में आंसू भरी आंखों से कलावती ने कहा, मैं भारतीय सैन्य बलों को सलाम करती हूं। इस कार्रवाई से मुझे बेहद प्रसन्नता हुई है। मुझे महसूस हो रहा है कि यह कार्रवाई हर शहीद की आत्मा को शांति देगी। मैं अपने भारतीय सैन्यबलों के लिए गर्वित महसूस करती हूं।
वहीं, शहीद गुरु के पिता होन्नैया ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की शांति स्थापित करने के लिए बातचीत का वक्त बीत चुका है। यह भारत-विरोधी ताकतों को पूरी तरह से रौंद डालने का वक्त है। उन्होंने कहा, भारत को आतंकियों के खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई करनी चाहिए कि वह भारत के नाम से ही डरकर कांपने लगें या फिर इन तत्वों का नामोनिशान धरती से पूरी तरह मिटा दिया जाना चाहिए। उन्हें भारतीय नागरिकों की ताकत का कोई अंदाजा नहीं है। हमने हमेशा शांति की वकालत की है लेकिन अब शांति कोई समाधान नहीं रही। उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा। मेरे पुत्र को पूरी शांति तभी मिलेगी जब आतंकी तत्वों का धरती से सफाया हो जाएगा।
पुलवामा हमले के बाद भारत की इस जवाबी कार्रवाई का समाचार जैसे ही गुदिगेरे गांव पहुंची, वैसे ही लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद गुरु अमर रहे’ के नारों के साथ एक बड़ी रैली निकाली। गुरु पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों में से एक थे।