एशिया और अफ्रीका के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है भारत : रघुराम राजन

एशिया और अफ्रीका के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है भारत : रघुराम राजन

चेन्नई/भाषा। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत अगर विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाता है तो वह एशिया एवं अफ्रीका में शिक्षा का केन्द्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि देश को ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है जहां शिक्षा का परिवेश फूल-फल सके। उन्होंने मंगलवार को यहां एक बयान में कहा, अगर भारत विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बना सकता है तो हम एशिया और अफ्रीका के लिए शिक्षा का केन्द्र बन सकते हैं।
क्रिया विश्वविद्यालय की प्रशासकीय परिषद और अकादमिक परिषद के सलाहकार राजन ने श्री सिटी, टाडा के समीप स्कूल ऑफ इंटरवुवेन आर्ट्स एंड साइंसेज और आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों और शिक्षकों के साथ परिसंवाद करते हुए यह बात कही। रोजगार अवसरों के बारे में एक विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, हमें ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां युवा स्नातक छात्रों को कॉरपोरेट नौकरियों पर निर्भर रहने के बजाय नये उद्योग खड़े करने को प्रेरित किया जाए।
राजन ने कहा कि छात्रों के समक्ष तेजी से बदलते और जटिल विश्व में बड़ी चुनौतियां पैदा हुई हैं। उन्होंने कहा कि क्रिया विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीयों की ऐसी नयी पीढ़ी पैदा करना है जो वैश्विक विकास में योगदान करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमें ऐसा परिवेश बनाने की आवश्यकता है जिसमें सभी को उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बगैर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले। विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजन ने छात्रों से साहसी बनने और जिज्ञासा की भावना विकसित करने का अनुरोध किया जो हर चीज पर सवाल करें, अतीत से सीखें और भविष्य के लिए साहसिक नये कदम उठाए।

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