कर्नाटक: गर्भवती महिला की मौत के बाद अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी

कर्नाटक: गर्भवती महिला की मौत के बाद अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी

नवजात जुड़वां बच्चों समेत महिला की हो गई थी मौत


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने तुमकुरु जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति रोग विशेषज्ञ सहित चार लोगों को निलंबित कर दिया है, जहां एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इन्कार किए जाने के बाद उसकी मौत हो गई थी। इसके साथ ही तुमकुर अस्पताल के चारों कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।

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जानकारी के अनुसार, अस्पताल ने कथित तौर पर थायी कार्ड या आधार कार्ड नहीं होने के कारण गर्भवती महिला को भर्ती करने से इन्कार कर दिया, जो जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली थी। महिला को प्रसव पीड़ा के बाद अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई।

घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जताई है। स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने राज्य के सभी अस्पतालों को कड़ी चेतावनी जारी की है कि वे दस्तावेजों की 'कमी' के आधार पर मरीजों को मना न करें और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं दें।

स्वास्थ्य पर ध्यान देना प्राथमिकता

इस सर्कुलर में कहा गया है कि आपात स्थितियों में मरीज के ब्योरे का सत्यापन गौण होता है। उस समय उसके स्वास्थ्य पर ध्यान देना प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि ऐसी घटनाओं में जिस अस्पताल के कर्मचारी दोषी होंगे, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होगा।

आरोप-प्रत्यारोप की बौछार

मामले पर विपक्ष के नेता सिद्दरामैया ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'तुमकुरु में गर्भवती महिला की मौत के लिए स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर जिम्मेदार हैं। पूरी घटना को न्यायिक जांच के तहत लाया जाना चाहिए और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।'

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के मंत्री भ्रष्ट हैं और आरोपियों को दंडित करने की कोई नैतिकता नहीं है। सरकार जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है।

सुधाकर का पलटवार

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए के सुधाकर ने कहा, 'सिद्दरामैया के कार्यकाल में कई चिकित्सा लापरवाही के मामले थे और मैं उन शिशुओं की संख्या पर रिकॉर्ड भी दिखा सकता हूं, जो (लापरवाहियां) हुईं। लेकिन सिद्दरामैया ने न तो इस्तीफा दिया और न ही अपने स्वास्थ्य मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कहा।'

उन्होंने आरोप लगाया, 'सिद्दरामैया यहां गंदी राजनीति कर रहे हैं। उन्हें अपने राजनीतिक फायदे के लिए इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए। वे नेता बनने या यहां तक कि इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं।'

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