ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनल फैला रहे थे परमाणु विस्फोट की दहशत और सांप्रदायिक घृणा!
इनमें से कई चैनल विज्ञापनों और फर्जी खबरों से कमाई भी कर रहे थे
नई दिल्ली/भाषा। सरकार द्वारा प्रतिबंधित 102 यूट्यूब चैनल अपने लाखों सब्सकाइबर को देश में ‘परमाणु विस्फोट’ और अयोध्या में उत्तर कोरिया के सेना भेजने जैसी गलत सूचनाएं नियमित रूप से देने के लिए जाने जाते थे और वे इन ‘फर्जी खबरों के जरिए धन कमाते थे’। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत अपनी आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए पिछले साल दिसंबर में पहली बार ऐसे यूट्यूब चैनल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल फरवरी में अधिसूचित नियमों को लागू करते हुए, सरकार ने ऐसे 102 यूट्यूब चैनल, कई वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया, जिन्होंने अपने दर्शकों को भ्रमित करने के लिए लोकप्रिय टेलीविजन चौनलों के टेम्प्लेट और लोगो का उपयोग किया तथा इनके जरिए उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके द्वारा प्रस्तुत समाचार प्रामाणिक थे।
मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया अकाउंट एवं वेबसाइट की निगरानी कर रही हैं और कार्रवाई के लिए उनके नाम मंत्रालय को भेज रही हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘इनमें से कई चैनल विज्ञापनों और फर्जी खबरों से कमाई भी कर रहे थे।’
इसके तहत हालिया कार्रवाई पिछले बृहस्पतिवार को की गई, जब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘भारत में बकरा-ईद समारोह पर प्रतिबंध’, मुसलमानों के धार्मिक स्थानों पर कथित ‘हमलों’ और भारत एवं मिस्र द्वारा तुर्की पर संयुक्त ‘आक्रमण’ जैसी खबरें प्रसारित करने के लिए पाकिस्तान में स्थित एक यूट्यूब चौनल सहित आठ यूट्यूब चौनल को ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया।
एक यूट्यूब चैनल एएम. रजवी ने ‘अजमेर दरगाह पर सैन्य कार्रवाई’ और ‘मुसलमानों द्वारा एक मंदिर पर इस्लामी झंडा फहराने’ की बात की, जबकि पाकिस्तान स्थित ‘न्यूज की दुनिया’ चैनल ने दावा किया कि ‘कुतुब मीनार मस्जिद’ को ध्वस्त कर दिया गया है। एक अन्य यूट्यूब चैनल ‘नया पाकिस्तान ग्लोबल’ ने दावा किया कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी सेना अयोध्या भेजी है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘मंत्रालय द्वारा ‘ब्लॉक’ की गई सामग्री को भारत की संप्रभुता एवं अखंडता, राष्ट्र की सुरक्षा, अन्य राष्ट्रों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों और देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया।’
उन्होंने कहा कि सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के दायरे में आती है। धारा 69-ए सरकार को देश की संप्रभुता और अखंडता के हित में किसी भी सामग्री तक पहुंच को प्रतिबंधित करने का अधिकार देती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अलगाववाद को प्रोत्साहित करने, धर्म के आधार पर भारत को विभाजित करने और भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने वाली सामग्री प्रसारित करने वाले यूट्यूब चैनलों को इस साल जनवरी में ब्लॉक करने का आदेश दिया। इसने दो नेटवर्क की पहचान की थी - ‘अपनी दुनिया नेटवर्क’, जो 14 यूट्यूब चौनल संचालित कर रहा था और ‘तल्हा फिल्म्स नेटवर्क’, जो 13 यूट्यूब चौनल संचालित कर रहा था।
एक अन्य यूट्यूब चौनल ‘कवर प्वाइंट’ ने दावा किया था कि भारत ने एक परमाणु हथियार खो दिया है और इसे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए ‘जीत’ करार दिया।
मंत्रालय ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी नेटवर्क भारतीय दर्शकों के लिए फर्जी समाचार प्रसारित करने के एकमात्र लक्ष्य के साथ संचालित किए जा रहे थे।’
मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि सवालों के घेरे में आए इन यूट्यूब चैनल ने सरकार के खिलाफ अल्पसंख्यकों को उकसाने के लिए तीन कृषि कानूनों एवं नागरिकता (संशोधन) अधिनियम जैसे मुद्दों के विरोध पर सामग्री पोस्ट की थी।
मंत्रालय ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह भी आशंका है कि इन यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल इस साल फरवरी में पांच राज्यों में होने वाले चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के मकसद से सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा।’