भारत एक ऐसा राष्ट्र, जहां इलाज एक सेवा और आरोग्य एक दान है: मोदी

भारत एक ऐसा राष्ट्र, जहां इलाज एक सेवा और आरोग्य एक दान है: मोदी

प्रधानमंत्री ने को फरीदाबाद में अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया


फरीदाबाद/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फरीदाबाद में अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित जन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के अमृत काल में प्रवेश किया है। हमारे इस अमृत काल में देश के सामूहिक प्रयास प्रतिष्ठित हो रहे हैं। देश के सामूहिक विचार जाग्रत हो रहे हैं।

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मुझे खुशी है कि अमृत काल की इस बेला में मां अमृतानंदमयी के आशीर्वाद का अमृत भी देश को मिल रहा है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां इलाज एक सेवा है, आरोग्य एक दान है। जहां आरोग्य और अध्यात्म, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे यहां आयुर्विज्ञान एक वेद है। हमने हमारी मेडिकल साइन्स को भी आयुर्वेद का नाम दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बार-बार सुनते आए हैं- न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्गं नापुनर्भवम्। कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामार्तिनाशनम्।। अर्थात् न हमें राज्य की कामना है, न स्वर्ग के सुख की इच्छा है। हमारी कामना है कि हमें बस दुखियों की, रोगियों की पीड़ा दूर करने का सौभाग्य मिलता रहे।

हमारे धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की यह व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का पीपीपी मॉडल ही है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप तो कहते ही हैं, लेकिन मैं इसे ‘परस्पर प्रयास’ के तौर पर भी देखता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी को ध्यान होगा कि जब भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी, तो कुछ लोगों ने इसका दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी। इस दुष्प्रचार की वजह से समाज में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन जब समाज के धर्मगुरु, आध्यात्मिक गुरु एक साथ आए, उन्होंने लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा, तो उसका तुरंत असर हुआ। भारत को उस तरह की वैक्सीन झिझक का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा अन्य देशों में देखने को मिला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच प्रणों का एक विजन देश के सामने रखा है। इन पंच प्रणों में से एक है- गुलामी की मानसिकता का संपूर्ण त्याग। इसकी इस समय देश में खूब चर्चा भी हो रही है। इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं, तो हमारे कार्यों की दिशा भी बदल जाती है। इसी तरह, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में भी हरियाणा के लोगों ने बेहतरीन काम किया है। फिटनेस और खेल जैसे विषय तो हरियाणा के संस्कारों में ही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन वर्ष पहले देश ने जल जीवन मिशन जैसे देशव्यापी अभियान की शुरुआत की थी। इन तीन वर्षों में देश के 7 करोड़ नए ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाया जा चुका है।हरियाणा आज देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जहां घर-घर पाइप से पानी की सुविधा से जुड़ चुका है।

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