लौह इरादेः परिवार की मदद के लिए सब्जियां बेचती है 102 वर्षीया महिला

लौह इरादेः परिवार की मदद के लिए सब्जियां बेचती है 102 वर्षीया महिला

लक्ष्मी ने अपनी परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए कहा, लगभग 48 साल पहले मेरे पति की मृत्यु के बाद हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा


कोलकाता/भाषा। पश्चिम बंगाल की 102 वर्षीय लक्ष्मी मैती के लिए उम्र महज एक संख्या है, जो अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले पांच दशकों से सब्जियां बेचने का काम कर रही हैं।

Dakshin Bharat at Google News
इस उम्र में भी काम करने की अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और हौसले के जरिए लक्ष्मी मैती लोगों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं।

पश्चिम बंगाल के पूर्बा मेदिनीपुर जिले के जोगीबेर्ह गांव की रहने वाली लक्ष्मी मैती प्रत्येक दिन सुबह चार बजे कोलाघाट से थोक में सब्जियां खरीदती हैं और उन्हें रिक्शा में लदवाकर एक स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए जाती हैं।

लक्ष्मी ने अपनी परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए कहा, 'लगभग 48 साल पहले मेरे पति की मृत्यु के बाद, हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई दिनों तक बिना भोजन के रहना पड़ा। इसके बाद घर चलाने के लिए मैंने सब्जी बेचने का काम शुरू किया। उस समय मेरा बेटा केवल 16 साल का था। उन दिनों जब मैं कभी बीमार हो जाती थी तो हमें अपनी बुनियादी जरुरतों को पूरा करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। हालांकि, मैंने हमेशा से पूरी कोशिश की है कि मैं अपने परिवार की जरुरतों को पूरा कर सकूं।'

हालांकि, पिछले एक दशक में गैर-सरकारी संगठन हेल्पएज इंडिया के समर्थन की बदौलत लक्ष्मी मैती की परिस्थिति में सुधार हुआ है, जिसने बुजुर्ग महिलाओं के लिए ईएसएचजी (बुजुर्ग स्वयं सहायता समूह) योजना शुरू की है।

गैर-सरकारी संगठन हेल्पएज इंडिया की मदद से लक्ष्मी के घर की स्थिति में भी सुधार आया है और उसके घर में अब नयी साज-सज्जा और एक टेलीविजन सेट भी है।

लक्ष्मी ने कहा, 'हमारी स्थिति आठ साल पहले बेहतर हुई जब एनजीओ ने मेरे बेटे के लिए चाय-नाश्ता वेंडिंग व्यवसाय स्थापित करने के लिए हमें 40,000 रुपए का ऋण प्रदान किया।'

लक्ष्मी मैती के 64 वर्षीय बेटे गौर ने गर्व के साथ कहा कि उनकी मां देवी दुर्गा का अवतार हैं।

गौर ने कहा, 'मेरी मां ने न केवल मेरा बल्कि मेरे बच्चों का भी पालन-पोषण किया। उसने मेरी बेटी की शादी का भी खर्च उठाया, हमें एक पक्का घर दिलाया, और अपना कर्ज भी चुकाया। ज्यादातर मामलों में एक बेटा अपनी बूढ़ी मां की देखभाल करता है। हालांकि, मेरी मां कभी मुझ पर निर्भर नहीं रहीं, वह फौलादी इरादों वाली एक महिला हैं।'

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

डूबते पाक को चीन का सहारा, चीनी प्रधानमंत्री आए तो शहबाज ने दी 21 तोपों की सलामी डूबते पाक को चीन का सहारा, चीनी प्रधानमंत्री आए तो शहबाज ने दी 21 तोपों की सलामी
Photo: ShehbazSharif FB Page
पिछले 5 सालों में भारतीय बाजारों ने चीन से बेहतर रिटर्न दिया!
हुब्बली दंगों से संबंधित मामले वापस लेने के फैसले पर क्या बोले कर्नाटक के गृह मंत्री?
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया
उप्र: बहराइच हिंसा मामले में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज, लगभग 30 हिरासत में लिए गए
महाराष्ट्र: शिंदे सरकार ने की बड़ी राहत की घोषणा, आज आधी रात से होगी लागू
जापान यात्रा पर गए थल सेना प्रमुख, चीन से निपटने के लिए बढ़ाएंगे रक्षा सहयोग!