अरुणाचल प्रदेश: ग्रामीणों ने उग्रवादियों की मांगें नहीं मानने का संकल्प लिया
ग्रामीणों ने भी आम सहमति से फैसला किया कि वे उग्रवादी संगठनों में भविष्य में अपने-अपने गांवों से नयी भर्तियां नहीं होने देंगे
ईटानगर/भाषा। अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिले में 48 सक्रिय उग्रवादियों के परिवार के सदस्यों के साथ कई ग्रामीणों ने उग्रवादियों की फिरौती की मांगें नहीं मानने का संकल्प लिया है। एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
ग्रामीणों ने शनिवार को असम राइफल्स (एआर) की लोंगडिंग बटालियन द्वारा आयोजित एक सुरक्षा बैठक के दौरान यह संकल्प लिया।बैठक के दौरान, प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन के-वाईए द्वारा स्थानीय लोगों का अपहरण करने और बंधक बनाने के मद्देनजर जिले में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में 130 से अधिक ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।
ग्रामीणों ने भी आम सहमति से फैसला किया कि वे उग्रवादी संगठनों में भविष्य में अपने-अपने गांवों से नयी भर्तियां नहीं होने देंगे और सक्रिय उग्रवादियों के परिवार के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि वे उन्हें आत्मसमर्पण करने के वास्ते मनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे।
बटालियन के कमांडेंट ने उग्रवाद प्रभावित जिलों - तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग के लोगों, खासकर वांचो समुदाय के लोगों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 30 मई को एक ऐतिहासिक रैली आयोजित कर उग्रवादियों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
अधिकारी ने आश्वासन दिया कि असम राइफल्स और राज्य पुलिस लोंगडिंग जिले में उग्रवादी समूहों को रोकने का हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने ग्रामीणों से उग्रवादियों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया।