2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर होगा!

2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर होगा!

तीन महीने के अंदर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 60 किलोमीटर के अंदर एक ही टोल नाका हो


नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय सड़क, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आत्मनिर्भर, सुखी, समृद्ध और संपन्न भारत बनाने के मोदी सरकार के संकल्प के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि वर्ष 2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा जिससे विकास एवं आर्थिक वृद्धि होगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में 60 हजार करोड़ रु. की परियोजना पर काम कर रहे हैं तथा जोजिला सुरंग वर्ष 2026 के लक्ष्य के बजाय 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक हमारा प्रयास उस परियोजना को पूरा करने की है जिससे श्रीनगर से 20 घंटे में मुंबई पहुंचा जा सके। सड़क आधारभूत ढांचे के विकास कार्यो का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार कई अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही है जिससे दिल्ली से जयपुर, हरिद्वार और देहरादून दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में, चेन्नई से बेंगलूर दो घंटे में और दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंचने के लक्ष्य संबंधी परियोजनाओं को इस साल के अंत तक पूरा किए जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि हमारे सड़क देश की समृद्धि से जुड़े हैं और सड़कों के आधारभूत ढांचे के विकास से देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर, सुखी, समृद्ध और संपन्न भारत बनाने के मोदी सरकार का संकल्प है और इसे पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा जिससे विकास एवं आर्थिक वृद्धि होगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।’ मंत्री ने कहा कि सांसदों के सुझाव मानते हुए स्थानीय लोगों के क्षेत्र में टोल से निकलने के लिए आधार कार्ड पर आधारित पास बनाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘तीन महीने के अंदर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 60 किलोमीटर के अंदर एक ही टोल नाका हो। बाकी बंद कर दिए जाएंगे।’ गडकरी ने कहा कि हमें पैसा चाहिए लेकिन लोगों को तकलीफ नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर गाड़ी में छह एयरबैग लगना अनिर्वाय बनाया गया है।

सड़क परिवहन मंत्री ने देश में हर साल डेढ़ लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होने का जिक्र करते हुए कहा कि लोग मरते रहे और हम देखते रहें ... ऐसा नहीं हो सकता है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

गडकरी ने कहा कि लोगों में कानून के प्रति सम्मान और डर जरूरी है लेकिन ऐसा देखने में आया है कि कई लोग ग्रीन सिग्नल और रेड सिग्नल का पालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर जिला समितियां बनेंगी जिसमें सांसद अध्यक्ष होंगे, कलेक्टर सचिव होंगे। उन्होंने कहा कि सांसद इसमें स्थानीय हादसों पर चर्चा करें, इसे लेकर अधिकारियों को नोटिस एवं सुधारने का निर्देश दें।

सड़क एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि यह दुख की बात है कि दुनिया की 11 प्रतिशत सड़क दुर्घटना हमारे देश में होती है। देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की सालभर में मौत होती हैं और इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत नुकसान होता है।

उन्होंने कहा, ‘लड़ाई में या कोरोना महामारी में जितने लोग नहीं मरते, उतने सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के 65 प्रतिशत लोग हैं।’ गडकरी ने कहा कि जनता और जन प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना सुधार नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर कानून में संशोधन किया गया है, जुर्माना भी बढ़ाया है, लेकिन सबके सहयोग से ही सुधार होगा। मंत्री ने कहा कि लोग मरते रहें और हम देखते रहे ... ऐसा नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में विश्व बैंक के सहयोग से कार्यक्रम शुरू किया गया और 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को देश में लागू करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

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