गंगा की निर्मलता एवं अविरलता बनाए रखना सभी का सर्वोच्च दायित्व: जी किशन रेड्डी
गंगा हमारे जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी है और इसकी निर्मलता एवं अविरलता हमारा सर्वोच्च दायित्व है
नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि गंगा नदी भारत की आध्यात्मिक एवं आर्थिक जीवन रेखा है, और जनभागीदारी के साथ इसकी निर्मलता एवं अविरलता बनाए रखना सभी का सर्वोच्च दायित्व है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा आयोजित ‘गंगा उत्सव 2021’ में जी किशन रेड्डी ने कहा कि हम नदियों को मां कहते हैं लेकिन उनकी सफाई पर ध्यान नहीं देते।रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक कार्य योजना बनाकर नदियों की स्वच्छता का काम शुरू किया है लेकिन ऐसा व्यापक कार्य सिर्फ सरकार के अधिकारी ही पूरा नहीं कर सकते बल्कि इसे जन आंदोलन बनाना होगा और इसमें जनभागीदारी जरूरी होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, गंगा को सिर्फ धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। गंगा हमारे जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी है और इसकी निर्मलता एवं अविरलता हमारा सर्वोच्च दायित्व है।
जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि हमें नदियों को मुक्त रूप से जीने देना चाहिए, उनके प्रवाह को अवरूद्ध नहीं करना चाहिए और उन्हें गंदा होने से बचाना चाहिए अन्यथा नदियां बूढ़ी हो जायेंगी और हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने लोगों से कहा कि वे गंगा उत्सव का आनंद लेने के साथ साथ नदियों के उद्धार के लिए संदेशवाहक एवं कार्यकर्ता भी बनें।
गंगा उत्सव 2021 के दूसरे दिन ‘सेलिब्रेटिंग द स्पिरिट ऑफ रिवर एंड एंथोलॉजी’ पुस्तक का विमोचन और ‘रिवर ऑफ इंडिया’ संगीत का लोकार्पण किया गया। गंगा उत्सव पर चाचा चौधरी कॉमिक्स भी जारी की गई।
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