दुकान का अनूठा नियम- ‘यहां शराब पीकर आने वालों की नहीं बनाई जाएगी दाढ़ी-कटिंग’

दुकान का अनूठा नियम- ‘यहां शराब पीकर आने वालों की नहीं बनाई जाएगी दाढ़ी-कटिंग’

खरगोन/वार्ता। अपनी समस्या से निजात पाने और समाज को संदेश देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के खरगोन के एक युवक ने अपने व्यवसाय की परवाह किए बगैर मद्यपान को हतोत्साहित करने के लिए एक रोचक बीड़ा उठाया है। जिले की कसरावद तहसील से पांच किलोमीटर दूर बसे ग्राम भील गांव में हेयर सैलून की दुकान संचालित करने वाले 25 वर्षीय पवन सेन ने मद्यपान को हतोत्साहित करने के लिए छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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उन्होंने अपनी दुकान पर गत ढाई वर्ष से एक तख्ती टांग रखी है जिस पर लिखा है- शराब पिये हुए व्यक्तियों की दाढ़ी और कटिंग नहीं बनाई जाएगी’। मात्र कक्षा 10 तक पढ़े पवन सेन ने बताया कि वह 10 वर्षों से इस व्यवसाय से जुड़े हैं और भील गांव में सूत मिल होने के चलते 3 वर्ष पूर्व रोजगार की तलाश में खरगोन से यहां आ गए थे।

भीलगांव आकर उन्होंने यह पाया कि अधिकांश ग्रामीणों में शराब सेवन की प्रवृत्ति है, और वह नशे की स्थिति में उनकी दुकान पर दाढ़ी या कटिंग कराने आ जाते थे। पवन ने बताया कि मुंह से आने वाली दुर्गंध और शराब सेवन के चलते अक्सर होने वाले विवादों से वे परेशान हो गए और उन्होंने शीघ्र ही एक फैसला कर इस तरह की तख्ती टांग दी।

पवन ने पूछे जाने पर बताया कि शुरुआती दौर में उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ा और एकबारगी उन्हें लगा कि कहीं उन्होंने गलत कदम तो नहीं उठा लिया, लेकिन वह अडिग रहे और उन्होंने तख्ती नहीं हटाई। इसका असर पड़ा और धीरे-धीरे शराब पीने वाले या तो उनकी दुकान पर इसका सेवन किए बगैर आने लगे अथवा उन्होंने आना ही बंद कर दिया।

पवन ने बताया कि कुछ दिनों के पश्चात इसका फायदा भी परिलक्षित हुआ, जब मद्यपान से दूर रहने वालों में इस तरह के संदेश से जुड़े दुकान संचालित करने की जानकारी मिली तो उन्होंने उसकी दुकान पर आना आरंभ कर दिया और वे अब उसके स्थाई ग्राहक बन चुके हैं।

पवन ने बताया कि सरकार की अपनी मजबूरियां हो सकती हैं कि वह बिहार और गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में शराबबंदी फिलहाल लागू नहीं कर पाई है। पवन ने कहा कि वह कोई समाज सुधारक या सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं किंतु उसकी छोटी सी दुकान में संचालित अपने व्यवसाय में ऐसा कदम उठाकर समाज के प्रति योगदान देना उनकी सीमा में था।

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