जैस कमांडर ने कहा, अफजल गुरु की फांसी का लूंगा बदला

जैस कमांडर ने कहा, अफजल गुरु की फांसी का लूंगा बदला

नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर और पाकिस्तानी आतंकवादी मुफ्ती वकास का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने इसके मद्देनजर जम्मू-कश्मीर और आस-पास के इलाकों को अलर्ट घोषित कर दिया है। वीडियो में आतंकी कह रहा है कि वह संसद पर हमलों के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी का बदला लेगा। आतंकी अपने दो मिनट के वीडियो में कहता है अल्लाह का लाख-लाख शुक्र है, जिस अल्लाह ने मुझे इस मकसद के लिए कबूल फरमाया है, वरना मैं इस काबिल नहीं था, दिल की सबसे ब़डी चाह यह थी कि मैं अल्लाह के रास्ते में शहीद कर दिया जाऊं, हक तो यह है कि हमारे जिस्म के बालों के बराबर हमारी जानें होतीं तो हम एक एक करके अल्लाह के रास्ते में लुटा देते, उम्मत-ए-मुस्लमां के लिए लुटा देते। मैं उम्मत-ए-मुस्लमां के नौजवानों को यह पैगाम देना चाहता हूं कि हमारे भी मां-बाप हैं, हमारे भी घरवार मौजूद हैं, हम भी आपकी तरह जवान हैं, हमारे अंदर भी हर ख्वाहिशात का तूफान है, लेकिन हमने कुफ्र के साथ ल़डना सीखा, हमने मौत की आंखों में आंखें डालना सीखा, इसलिए कि हमारे नबी सल्लल्लाहो-अलैहि-वसल्लम की सरेआम गुस्ताखियां की जा रही हैं। हमारे कुरान-ए-मजीद का सरेआम अपमान किया जा रहा है। हमारी मांओं-बहनों की इज्जतों को सरेआम लूटा जा रहा है, उनको स़डकों के ऊपर घसीटा जा रहा है, आज भी हमारी आंखों के सामने वस्ते अफ्रीका की सरजमीं, उम्मत-ए-मुस्लमां के लहू से रंगी हैं, अफीया जैसी कई बहनें कुफ्र की कैदखाने के अंदर त़डप रही हैं, सिसक रही हैं और पुकार रही हैं कि कब कोई मोहम्मद बिन कासिम आएगा और हमें इन काफिरों से, इन दरिंदों से, इन खंजीरों से रिहा करवाएगा। आओ मेरे भाइयों, सब आ जाओ और ये आजिम करो कि हम कुफ्र के ऊपर फिदायीन हमले करके इस बात को साबित करें कि उम्मत-ए-मुस्लमां के जांबाज सपूत जिंदा हैं, मैंने जब अफजल गुरु को शहीद-ए-रहमतुल्लाह आले को देखा कि इंडिया में उसको फांसी दी तो मैंने ये कसम ली कि मैं इंशाअल्लाह इंडिया से इसका बदला जरूर लूंगा। मैं अपने अजीज इमरान, शाजिद भाई शहीद रहमतुल्लाह आले जो मेरे दोस्त थे, उनका बदला जरूर लूंगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में शनिवार और रविवार को सुंजवां और करण नगर में सेना के कैंप पर जैश के आतंकियों ने हमला किया था। अफजगल गुरू को २०१३ में फांसी दी गई थी, सुरक्षा एंजेंसियों ने पहले भी आगाह किया था कि उसकी बरसी पर आतंकी हमले हो सकते हैं।

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