कानपुर मुठभेड़: शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष निलंबित
कानपुर मुठभेड़: शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष निलंबित
लखनऊ/भाषा। कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया, ‘थानाध्यक्ष विनय तिवारी के ऊपर लग रहे आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इन आरोपों की जांच की गहन तरीके से जांच की जा रही है। अगर उनका या किसी भी पुलिसकर्मी का इस घटना से कोई संबंध निकला तो उसे न केवल बर्खास्त किया जाएगा बल्कि जेल भी भेजा जाएगा।’
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया। आईजी से जब पूछा गया कि कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है तो उन्होंने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया।पुलिस द्वारा विकास दुबे का घर गिराए जाने के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘गांव के लोगों का कहना है कि दुबे ने दबंगई और गुंडागर्दी से लोगों की जमीन पर कब्जा किया था और लोगो से वसूली कर घर बनाया था। गांव में यह अपराध का गढ़ था जिससे गांव वालों में उसके प्रति बहुत गुस्सा था।’ उन्होंने बताया कि दुबे के परिवार वालों पर गांव के नाराज लोगों ने हमला भी किया था लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण कोई हादसा नहीं हुआ।
इससे पहले अग्रवाल ने बताया, ‘विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 25 टीमें लगाई गई हैं जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कुछ दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं।’