शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार नहीं: ओडिशा उच्च न्यायालय

शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार नहीं: ओडिशा उच्च न्यायालय

शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार नहीं: ओडिशा उच्च न्यायालय

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

कटक/भाषा। ओडिशा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है कि शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार के समान नहीं है।

Dakshin Bharat at Google News
न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि क्या बलात्कार कानूनों का उपयोग अंतरंग संबंधों को विनियमित करने के लिए किया जाना चाहिए, खासकर उन मामलों में जहां महिलाएं अपनी मर्जी से संबंध बनाती हैं।

न्यायमूर्ति पाणिग्रही ने एक निचली अदालत के बृहस्पतिवार के आदेश को दरकिनार कर दिया और बलात्कार के आरोपी की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए यह टिप्पणी की।

मामला ओडिशा के कोरापुट जिले से पिछले साल नवंबर में 19 वर्षीया आदिवासी महिला की शिकायत पर बलात्कार के आरोपों के तहत एक छात्र की गिरफ्तारी से जुड़ा था।

केस के रिकॉर्ड के अनुसार, उस युवक और उसी गांव की युवती के बीच करीब चार साल से शारीरिक संबंध थे। इस दौरान वह दो बार गर्भवती हुई थी।

महिला ने बाद में एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया गया कि युवक ने उसकी मासूमियत का फायदा उठाते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे और शादी का वादा किया था।

महिला ने दावा किया था कि आरोपी ने उसे गर्भपात की गोलियों का सेवन करके गर्भ गिराने के लिए मजबूर किया था।

पुलिस ने मामला दर्ज कर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जो पिछले छह महीने से जेल में था। उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को इस शर्त पर उसकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली कि वह जांच में सहयोग करेगा और कथित पीड़ित को धमकी नहीं देगा।

न्यायमूर्ति पाणिग्रही ने अपने 12 पृष्ठ के आदेश में बलात्कार कानूनों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि ‘बिना किसी आश्वासन के सहमति से भी संबंध बनाना स्पष्ट रूप से आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति पाणिग्रही ने इस मुद्दे को हल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अक्सर सवाल उठाए जाते हैं कि इस तरह के मामलों को कानून और न्यायिक फैसलों से कैसे हल किया जा सकता है।

बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कार कानून अक्सर सामाजिक रूप से वंचित और गरीब पीड़ितों की दुर्दशा को ठीक करने में विफल रहे हैं, जहां वे पुरुष द्वारा किए गए शादी के झूठे वादे में फंसकर शारीरिक संबध बना लेती हैं।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download