पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लिए टीके का पर्याप्त भंडार: नीति आयोग

पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लिए टीके का पर्याप्त भंडार: नीति आयोग

पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लिए टीके का पर्याप्त भंडार: नीति आयोग

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों समेत कोरोना महामारी से अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे लोगों का पहले चरण में टीकाकरण करने के लिए देश में टीके का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है।

पॉल कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही टीके की खरीद व उसके वितरण की अपनी योजना का खुलासा करेगी।

पॉल ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमारे पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूह को टीका मिलेगा, जिसमें मृत्यु दर के उच्च जोखिम वाले लोग और हमारे स्वास्थ्य सेवा व अग्रिम पंक्ति के कर्मी शामिल हैं। हमारा मानना है कि हमारे पास उनके लिये पर्याप्त भंडार है।’

भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने दो टीकों के सीमित आपात उपयोग को रविवार को मंजूरी दी है। भारत के औषध महानियंत्रक ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेकके द्वारा विकसित पूर्णत: स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है।

पॉल ने कहा कि अब से तीन से चार महीने बाद अन्य टीके भी उपलब्ध होंगे और तब भंडार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि तब टीकाकरण कार्यक्रम में अधिक तेजी लायी जा सकती है।

यह पूछे जाने पर कि सरकार कोविड-19 टीके की खरीद और वितरण के लिये अपनी योजनाओं की घोषणा कब करेगी, उन्होंने कहा, ‘यह अब किया जाएगा। अब आवश्यक कदम उठाए जा चुके हैं, अब बाकी सभी कदम उठाए जाएंगे।’

यह पूछे जाने पर कि कोविड-19 के सामूहिक टीकाकरण में सबसे बड़ी चुनौती क्या होगी, पॉल ने कहा कि इस तरह के प्रयास के लिए सबसे बड़ी चुनौती एक साथ लोगों को जुटाना है।

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के पैमाने पर सामूहिक टीकाकरण के लिये सबसे महत्वपूर्ण चुनौती नियत दिन पर लाभार्थियों को जुटाना और समस्त सावधानियों का पालन करते हुए सुगमता से टीकाकरण पूरा करना है।’

पॉल के अनुसार, टीकाकरण का उद्देश्य बंटा हुआ और पदानुक्रमित है। उन्होंने कहा, ‘आखिरकार, हम महामारी को रोकने के लिये टीकाकरण करना चाहते हैं। यही अंतिम उद्देश्य है।’

उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिये टीकाकरण के माध्यम से लगभग 70 प्रतिशत सामुहिक प्रतिरक्षा हासिल की जानी चाहिए। यह या तो टीकाकरण के माध्यम से हो या स्वत: महामारी से संक्रमित होकर हो।

पॉल ने बताया कि सामान्य जीवन चलाते रहने के लिए पर्याप्त टीकाप्राप्त लोग होने चाहिए, ताकि देश का उद्योग, स्कूल, परिवहन, न्यायिक प्रणाली और संसदीय गतिविधि आगे बढ़ती रहे।

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