निर्भया मामला: दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने के अनुरोध को लेकर अदालत का रुख किया

निर्भया मामला: दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने के अनुरोध को लेकर अदालत का रुख किया

निर्भया मामले के दोषी

नई दिल्ली/भाषा। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से दो ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया और तीन मार्च को मृत्यु वारंट के अमल पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

सभी चारों दोषियों को तीन मार्च को फांसी दी जानी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने अक्षय सिंह और पवन कुमार गुप्ता की याचिकाओं पर तिहाड़ जेल अधिकारियों को दो मार्च तक जवाब देने के निर्देश दिए।

अपने वकील के जरिये दाखिल याचिका में सिंह ने दावा किया कि उसने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष एक नई दया याचिका भी दाखिल की है जो अभी लंबित है। सिंह की ओर से पेश वकील एपी सिंह ने कहा कि उसकी पहले की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था और उसमें पूरे तथ्य नहीं थे।

गुप्ता ने अपनी याचिका में दलील दी कि उसकी सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है। उसने कहा कि उसके पास दया याचिका दायर करने का भी विकल्प है। दोनों दोषियों ने अदालत को बताया कि कई अन्य याचिकाएं भी उच्चतम न्यायालय और अन्य प्राधिकारियों के पास लंबित है।

अदालत ने 17 फरवरी को आदेश दिया था कि चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को नया मृत्यु वारंट जारी करने के बाद तीन मार्च को फांसी पर लटकाए जाने का आदेश दिया था।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गई थी। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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