सिद्दरामैया सरकार हिन्दू विरोधी : शाह
सिद्दरामैया सरकार हिन्दू विरोधी : शाह
चित्रदुर्ग। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य की सिद्दरामैया सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। पार्टी की परिवर्तन यात्रा में आए शाह ने कांग्रेस सरकार को हिन्दू विरोधी करार दिया। नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन यात्रा के दौरान बुधवार को चित्रदुर्ग जिले में रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि किसानों और युवाओं में कांग्रेस सरकार को लेकर बहुत गुस्सा है और राज्य में सिद्दरामैया सरकार के गिने-चुने दिन रह गए हैं।सिद्दरामैया सरकार को हिन्दू विरोधी बताते हुए भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार राज्य के लिए जो धन भेज रही है, उसका सदुपयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान १३ वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को ८५८३ करो़ड रुपए जारी किए गए थे, वहीं नरेन्द्र मोदी सरकार ने १४ वें वित्त आयोग के अन्तर्गत पिछले तीन वर्षों में दो लाख १९ हजार करोड रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ केन्द्र सरकार द्वारा भेजा गया धन कहां गया? क्या यह राज्य के गांवों तक पहुंचा? कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, बिग़डी कानून व्यवस्था,भाजपा कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जु़डे लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, पिछले तीन वर्षों के दौरान भाजपा और आरएसएस के २१ कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है, किंतु जांच नहीं हुई। उन्होंने कहा, इन हत्याओं को रोका जाना चाहिए और भाजपा सत्ता में आने पर इनके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे भेजेगी। अमित शाह ने कहा, सिद्दरामैया सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है। सरकार ने सोशल डेमोक्त्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के खिलाफ सभी मामलों को वापस ले लिया है, जो एक भारत और हिन्दू विरोधी संगठन है।शाह ने कहा, गांव में किसी कांग्रेस कार्यकर्ता के घर को देखिए, जो पांच साल पहले छप्पर के घर में रहता था वह अब चार मंजिला इमारत में रहता है। घर के सामने लक्जरी कार भी खड़ी नजर आएगी। यही कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार है।शाह ने कहा, अगर मैं कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मामलों की सूची बनाऊं तो मुझे इसके लिए सात दिनों की आवश्यकता पड़ेगी, मानो ‘भागवत सप्ताह’ की भांति।