राजस्थान सरकार द्वारा कोटा से युवाओं को घर भेजने का खर्च मांगना कंगाली और अमानवीयता: मायावती
राजस्थान सरकार द्वारा कोटा से युवाओं को घर भेजने का खर्च मांगना कंगाली और अमानवीयता: मायावती
लखनऊ/भाषा। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कोटा से छात्रों को वापस उनके घर भेजने पर हुआ खर्च उत्तर प्रदेश सरकार से मांगने के राजस्थान की कांग्रेस नीत सरकार के कदम को उसकी ‘कंगाली और अमानवीयता’ दर्शाने वाला बताया।
मायावती ने ट्वीट किया, ‘राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12,000 युवक-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार से 36.36 लाख रुपए और देने की जो मांग की गई है, वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखद ..।’उन्होंने कहा, ‘..लेकिन कांग्रेस नीत राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को उप्र में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल कर रही है, यह कितना उचित व कितना मानवीय?’
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए 1,000 बसों का इंतजाम करने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और उत्तर प्रदेश सरकार में गतिरोध के बीच राजस्थान सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों को वहां से निकालने में इस्तेमाल राजस्थान परिवहन की बसों का 36.36 लाख रुपए का बिल बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा था।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राज शेखर ने बताया कि अप्रैल के मध्य में उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने का फैसला किया था।
राज शेखर ने बताया कि यूपी रोडवेज की बसें उन्हें लाने के लिए लगाई गईं लेकिन हमें अतिरिक्त बसों की आवश्यकता थी। कोटा में उपलब्ध राजस्थान रोडवेज की बसों को छात्रों को आगरा और मथुरा छोड़ने के लिए लिया गया था। राजस्थान रोडवेज ने इसका बिल दिया, जिसका भुगतान उत्तर प्रदेश परिवहन ने शुक्रवार को कर दिया है।
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