मोदी को हटाना ही कांग्रेस का लक्ष्यः गुलाम नबी आजाद
मोदी को हटाना ही कांग्रेस का लक्ष्यः गुलाम नबी आजाद
पटना/दक्षिण भारत। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पार्टी का शुरू से ही लक्ष्य रहा है कि केंद्र में राजग सरकार नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने उम्मीद जताई है कि 23 मई को नतीजों के बाद यदि कांग्रेस के पक्ष में आम सहमति बनती है तो वह केंद्र में अगली सरकार का नेतृत्व करेगी।
वहीं, यदि राजग विरोधी सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के पक्ष में सर्वसम्मति नहीं बनती है तो कांग्रेस यह मुद्दा नहीं बनाने जा रही कि वह किसी और को प्रधानमंत्री नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि जब तक हमें पीएम का पद ऑफर नहीं किया जाता है, हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे और किसी के भी जिम्मेदारी संभालने पर ऐतराज नहीं होगा।इस तरह वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का लक्ष्य मोदी को हटाना है। साथ ही उनके बयान को इस बात का भी सूचक माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। ऐसी स्थिति में भाजपा का रास्ता रोकने के लिए वह किसी गठबंधन में ‘बड़ा त्याग’ करने के लिए भी तैयार रहेगी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही इस लक्ष्य को लेकर चल रही है कि केंद्र में राजग सरकार न आए। उन्होंने कहा कि र्वसम्मति से जो भी निर्णय आएगा, कांग्रेस उसके साथ रहेगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि भाजपा को कम सीटें मिलीं तो उस स्थिति में राजग में सम्मिलित दल दिल्ली में गैर-भाजपा सरकार का निर्माण करवा सकते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजग में ऐसे कई दल हैं जिनकी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि सत्ता पाने या किसी मजबूरी की वजह से वे दल भाजपा के साथ हैं।
गुलाम नबी आजाद ने उप्र के गोरखपुर में इस बात का दावा किया था कि देश में परिवर्तन होगा और केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं आएगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा देश और प्रदेश में हार रही है। हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में यह चर्चा शुरू हो गई है कि यदि कांग्रेस सिर्फ ‘मोदी हटाओ’ को ही अपना लक्ष्य बनाकर चल रही है और सत्ता में लौटने के लिए आश्वस्त नहीं है तो सालाना 72 हजार रुपए जैसे वादे किस आधार पर किए।
गुलाम नबी आजाद से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि उनकी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत मिलने का चांस नहीं है, लेकिन संप्रग गठबंधन की सरकार बन सकती है।
बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं। अब 19 मई को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा। इस दौरान बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की कुल 59 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
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