प्रमुख स्वामी महाराज नगर में हुआ विराट संत सम्मेलन
250 से अधिक संतों, महंतों व सूत्रधारों की उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम
प्रमुख स्वामी महाराज की पवित्रता के दुर्लभ गुणों पर व्याख्यान दिया
अहमदाबाद/दक्षिण भारत। प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव के तहत प्रमुख स्वामी महाराज नगर में रविवार को 250 से अधिक संतों, महंतों व सूत्रधारों की उपस्थिति में विराट संत सम्मेलन हुआ।
सुबह 9 बजे नगर के मुख्य द्वार पर सभी अतिथियों का स्वागत वैदिक मंत्रोच्चारण एवं शांति पाठ के साथ माला पहनाकर किया गया। इसके बाद सभी संत शोभायात्रा के रूप में प्रमुख स्वामी महाराज की विशाल प्रतिमा के पास पहुंचे। वहां सभी संतों ने वेदोक्त पूजन के साथ प्रमुख स्वामी महाराज को नमन किया। पूजा और प्रदक्षिणा के बाद संतों ने सभाकक्ष में स्थान ग्रहण किया।
संध्या सभा में बीएपीएस के संगीत वृंद द्वारा भक्ति संगीत का एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। बीएपीएस के आदर्श जीवन स्वामी ने व्याख्यान शृंखला 'प्रमुख चरितम' के तहत प्रमुख स्वामी महाराज की पवित्रता के दुर्लभ गुणों पर व्याख्यान दिया।
बीएपीएस के वरिष्ठ संत घनश्यामचरण स्वामी, त्यागवल्लभ स्वामी, भक्तिप्रिय (कोठारी) स्वामी, डॉ. स्वामी ने प्रमुख स्वामी महाराज के बारे में प्रासंगिक उद्बोधन दिए।
महंत स्वामीजी महाराज ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज पूरे भारत के संतों और महंतों के दर्शन करके और सभी के चरणों में साष्टांग प्रणाम करके मैं बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं, क्योंकि आप सभी समाज के लिए अच्छी सेवा कर रहे हैं।
प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव में भाग लेने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालने के लिए मैं आप सभी का ऋणी हूं। जब प्रमुख स्वामी महाराज कहते थे कि 'परस्पर प्रेम फैलाए वही धर्म' और आज हम विभिन्न सम्प्रदायों के संत और महंत इकट्ठा हुए हैं, तो उनका कहा हुआ यह वाक्य सत्य प्रतीत होता है। हम सब मिलकर समाज की सेवा करें और आप सभी का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे, ऐसी प्रार्थना है।
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