कुटिल साजिश का भंडाफोड़
कुटिल साजिश का भंडाफोड़
हर तरह की खुराफातों में पिट जाने के बाद अब पाकिस्तान ने एक कुटिल खेल की साजिश रची लेकिन यह अंजाम को पहुंचती, इससे पहले ही इसका खुलासा हो गया। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तीन अधिकारियों को फंसाने के लिए नाकाम कोशिशें की। बहरहाल, जिन अधिकारियों को फंसाने की या चाल चली गई थी, उन्हें पाकिस्तान से वापस बुला लिया गया है। चूंकि अभी इस पूरे मामले की जांच की जा रही है, इसलिए उनके नाम नहीं बताए गए हैं। जिन अधिकारियों को वहां से वापस बुलाया गया है, उनकी फिलहाल आईएसआई के झांसे में आने या संलिप्त रहने के कोई संकेत नहीं मिले हैं और वह जूनियर अधिकारी जांच में अपनी ओर से पूरा सहयोग कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह दुनिया में इस तरह की कोई पहली घटना हो, जिसमें खुफिया एजेंसी की तरफ से अपने दुश्मन देश के अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप यानी सुंदरियों का सहारा लिया गया हो लेकिन भारतीय अधिकारियों के खिलाफ पाकिस्तान में इस तरह की साजिश चैंकाने वाली जरूर है। इस मामले में भारतीय अधिकारियों को इस बात की पहले ही भनक लग गई थी कि उनके साथ क्या हो रहा है, सो उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से जब मदद मांगी तो उनसे कहा गया कि वह फौरन दिल्ली लौट जाएं। ऐसा कहा जा रहा है कि वे भारतीय अधिकारी उच्चायोग के भाषा विभाग में काम कर रहे थे और सरकारी अभिलेखों के अनुवाद का काम देखते थे। बताया गया है कि महिलाओं की तरफ से ऐसी कोशिशें की गईं कि उन्हें स्थानीय होटल में बुलाया जा सके और वहां उनकी आपत्तिजनक तस्वीरों को कैमरे में कैद कर उन्हें ब्लैकमेल करते हुए गोपनीय जानकारियां और संवेदनशील कागजात हासिल किए जाएं। दरअसल, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की साजिशों का खेल थम नहीं रहा है और वह तरह-तरह की करतूतों में लगातार लगा हुआ है। आईएसआई की यह साजिश कितनी सुनियोजित रही है, यह इसी बात से समझी जा सकती है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में तैनात पाकिस्तान के अधिकारियों को भारतीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने का टास्क दिया गया। इसमें पाकिस्तान के कर्नल अख्तर हामिद भी शामिल हैं जो ढाका में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात हैं। साजिश का भंडाफो़ड होने के बाद पता चला है कि उसके निशाने पर ढाका में ट्रेनिंग ले रहे ४० भारतीय अधिकारी थे। आईएसआई ने कुछ भारतीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए जाल तो जरूर बिछाया लेकिन वह नाकाम हो गई।