मोदी की रैली सफल बनाने में चतुराई दिखाएगी भाजपा

मोदी की रैली सफल बनाने में चतुराई दिखाएगी भाजपा

बेंगलूरु। ‘यक्ष प्रश्न’’ की भांति दशकों से अनसुलझे महादयी विवाद का कोई समाधान न निकलने के कारण किसानों और कन्ऩड संगठनों के ४ फरवरी के बेंगलूरु बंद ने भाजपा की चिंताएं बढा दी हैं। भाजपा की परिवर्तन यात्रा का समापन समारोह ४ फरवरी को बेंगलूरु में होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव की दहलीज पर ख़डे राज्य में भाजपा यह नहीं चाहती है कि परिवर्तन यात्रा समापन समारोह का मेगा इवेंट किसी प्रकार से फ्लॉप साबित हो। साथ ही चुनाव के कारण वह किसी प्रकार से अपनी ऐसी छवि पेश नहीं करना चाहती जिससे भाजपा को आने वाले दिनों में राज्य हित के मुद्दों पर कन्ऩड संगठनों और किसानों का हमदर्द न माना जाए। विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के पूर्व भाजपा के लिए इस समय परिवर्तन यात्रा समापन समारोह को सफल बनाना सबसे ब़डी चुनौती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पार्टी पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और उसकी कोशिश है कि समापन समारोह बिना किसी व्यवधान के चतुराई पूर्वक सफल हो जाए। खबरों के अनुसार इसी को लेकर सोमवार शाम केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार के नेतृत्व में एक गुप्त बैठक हुई जिसमें वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टर, केएस ईश्वरप्पा, आर. अशोक, अरविंद लिम्बावली और बीएल संतोष शामिल हुए। प्रय्य्ब् ·र्ैंर्‍ द्यह्लय्द्मर्‍्यत्र फ्ष्ठ फ्र्ड्डैंय ब्ह्ख्र्‍ द्यस्यर्‍समापन समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने के कारण भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व पूरे प्रकरण को गंभीरता से ले रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद पूरी तैयारी और योजना की कमान संभाल चुके हैं और कार्यक्रम कैसे सफल बनाया जाए इसकी रणनीति उन्होंने अनंत कुमार को बताई है जिन्होंने प्रदेश भाजपा के नेताओं को अवगत कराया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भाजपा हाईकमान ने प्रदेश नेताओं को सुझाव दिया है कि वे बंद का आयोजन करने वाले संगठनों से वात्र्ता करें। साथ ही रैली में भारी भी़ड जुटाने का फॉर्मूला भी बताया गया है जिसके तहत सार्वजनिक परिवहन बंद रहने की स्थिति में आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था करके पूरे राज्य से भाजपा कार्यकर्ताओं को बेंगलूरु मंे जुटाने को कहा गया है। द्बब्य्ख्रद्भर्‍ झ्द्य द्म क्वह्यष्ठ्र द्बरुैंब्पार्टी ने अपने सभी प्रमुख नेतााओं को निर्देश दिया बताते हैं कि मोदी की रैली के समापन होने तक महादयी मुद्दे पर किसी प्रकार की टिप्पणी न की जाए। साथ ही अगर जरुरत हो तो सिर्फ चुनिंदा वरिष्ठ नेता ही कोई बयान दें। नेताओं को उत्तेजक बयानों से भी दूर रहने को कहा गया है जिसमें विपक्षी दलों के खिलाफ भी किसी प्रकार की आक्रामक टिप्पणी करने से बचने के लिए कहा गया है। खबरों के मुताबित अनंत कुमार ने प्रदेश नेताआंे को स्पष्ट रूप से कहा है कि महादयी के कारण ४ फरवरी की रैली में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो जिससे मोदी को शर्मिंदगी झेलनी प़डी।

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