नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अशांत रहा उत्तर कर्नाटक जिला मुख्यालय

नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अशांत रहा उत्तर कर्नाटक जिला मुख्यालय

विजयपुरा। उत्तर कर्नाटक जिला मुख्यालय में एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और उसकी हत्या की भर्त्सना करते हुए शनिवार को शांतिपूर्ण संपूर्ण बंद रखा गया। विभिन्न प्रगतिशील संगठनों, दलित संघों और महिला संगठनों ने इस बंद का आह्वान किया था। इनके समर्थन में शैक्षणिक संस्थानों ने स्कूल-कॉलेज एक दिन बंद रखे। पूरे शहर में कारोबारी संस्थान, दुकान, सिनेमाघर, पेट्रोल पंप और होटलों ने आज अपना काम-काज पूरी तरह से बंद रखा। बंद के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी पूरी तरह से ठप्प रहीं क्योंकि राज्य स़डक परिवहन निगम की बसें भी आज सुबह से ही स़डकों पर नहीं उतरीं। उधर, स़डकों पर ऑटोरिक्शा भी सामान्य दिनों से कहीं कम नजर आए। स्कूलों और कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों ने आज बंद के दौरान एक विरोध मार्च निकाला और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने पहुंचकर यह सभी धरने पर बैठ गए्। यहां प्रदर्शनकारियों ने मृतक नाबालिग छात्रा के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग पर जमकर नारेबाजी की। उल्लेखनीय है कि नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की घटना के विरोध में पिछले कई दिनों से शहर के विभिन्न हिस्सों में विरोधों और प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा है। इस दौरान लोगों ने विभिन्न स्थानों पर टायर जलाकर और छिटपुट हिंसा के जरिए भी अपना रोष प्रदर्शित किया है। विजयपुरा के बाहरी हिस्सों में कुछ समय तक तनाव देखने को मिला जब विरोध के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने केएसआरटीसी की एक बस पर पथराव करने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया। इन तत्वों ने बस को फूंकने से पहले इसके चालक की भी जमकर पिटाई की थी। बस में लगी आग बुझाने के लिए पुलिस और अग्नि शमन विभाग के कर्मचारियों को तत्काल सक्रियता से काम में जुटना प़डा था। आज गांधी सर्किल के पास निकाले गए एक विरोध मार्च के दौरान इसमें शामिल मृतका छात्रा की मां सिद्दम्मा की तबीयत बिग़डने पर उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना प़डा। वहीं, प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस ने क़डी सुरक्षा की व्यवस्था की थी। जिले के पुलिस अधीक्षक कुलदीप जैन ने प्रदर्शनकारियों को कई बार इस बात की चेतावनी भी दी कि वह किसी भी हालत में कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने या सामान्य लोगों की सुरक्षा के लिए खतरनाक व्यवहार करने की कोशिश न करें। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित रखने के लिए जिला पुलिस ने प़डोसी जिले बागलकोट से अतिरिक्त पुलिस बलों को बुलाकर प्रदर्शन स्थल पर तैनात किया था।

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