कोविड-19: लोगों की जान बचाने के लिए देवदूत बनकर आए सेना के जवान

कोविड-19: लोगों की जान बचाने के लिए देवदूत बनकर आए सेना के जवान

बंदूक चलाने वाले हाथों ने थामीं स्प्रे मशीनें, खाद्य सामग्री भी बांटी

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कोरोना महामारी से मुकाबला कर इसे समूल नष्ट करने के लिए भारतीय सेना भी मोर्चा संभाले हुए है। जहां अन्य दिनों में सेना के जवान देश के दुश्मनों से मुकाबले के लिए बंदूकें थामे रहते हैं, वहीं कोरोना को पराजित करने के लिए इन्होंने स्वच्छता के यंत्र थामे और कई स्थानों को सैनिटाइज़ किया।

जवानों ने जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाई

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इन जवानों ने जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री भी बांटी और स्वच्छता का संदेश दिया। जानकारी के अनुसार, पायनियर कोर ट्रेनिंग सेंटर (पीसीटीसी) के जवानों ने ऑपरेशन नमस्ते के तहत ये राहत कार्य किए।

कोई भूखा न सोए, इसलिए हर नागरिक तक पहुंचने का प्रयास कर रहे सेना के वीर

जवानों ने कोरमंगला और वानेरपेट इलाके में खाद्य सामग्री, बिस्किट, दूध के पैकेट बांटे। उन्होंने कोरोना महामारी के सन्दर्भ में स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए साबुन का वितरण भी किया। उन्होंने मशीनों से कई स्थानों पर स्प्रे कर उन्हें आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित बनाया।

महामारी हारेगी, भारत जीतेगा..

ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में देखा गया कि सेना के जवान स्प्रे मशीन से बाजार में छिड़काव कर रहे हैं, ताकि वायरस के संक्रमण की शृंखला तोड़ी जाए और लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद जब बाजार खुले तो नागरिकों को एक स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण मिले। भारतीय सेना के इन योद्धाओं को सोशल मीडिया पर लोग तहेदिल से सलाम कर रहे हैं।

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