कोरोना: महामारी का तीसरा साल शुरू, दुनिया में अब तक इतने लोग गंवा चुके जान
महामारी से करीब दो साल से बचे प्रशांत महासागर के दूरस्थ द्वीप वायरस के अधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप की चपेट में आ रहे हैं और वहां पर पहली लहर और मौत दर्ज की गई है
बैंकॉक/एपी। कोविड-19 महामारी का यह तीसरा साल शुरू हो गया है और कोरोना वायरस का संक्रमण अब तक आधिकारिक रूप से करीब 60 लाख लोगों की जान ले चुका है जो इंगित करता है कि इसकी समाप्ति अभी दूर है।
कोविड महामारी के आंकड़े इसकी विभीषिका की याद दिलाते हैं, भले ही लोग मास्क पहनना छोड़ रहे हैं और यात्रा एवं कारोबार पूरी दुनिया में बहाल हो रहे हैं।जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा रविवार की दोपहर तक संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 से दुनिया में अब तक 59,97, 994 लोगों की मौत हो चुकी है।
महामारी से करीब दो साल से बचे प्रशांत महासागर के दूरस्थ द्वीप वायरस के अधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप की चपेट में आ रहे हैं और वहां पर पहली लहर और मौत दर्ज की गई है।
हांगकांग में भी जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ने के बाद पूरी 75 लाख की आबादी की महीने में तीन बार जांच की जा रही है और यह स्वायत्त क्षेत्र चीन की ‘कोविड बिल्कुल नहीं’ की नीति की जरूरत महसूस कर रहा है।
पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और पूर्वी यूरोपीय देशों में मृत्युदर अधिक है और इन्हीं स्थानों पर युद्धग्रस्त यूक्रेन से 10 लाख से अधिक शरणार्थी आए हैं। इस इलाके में टीकाकरण की दर भी अपेक्षाकृत कम है जबकि महामारी के मामलों और इससे मौत की दर अधिक है।
समृद्धि और टीके की उपलब्धता के बावजूद अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 10 लाख के करीब पहुंच गई है।
सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध चिकित्सा स्कूल में विजिटिंग प्रोफेसर और एशिया-प्रशांत टीकाकरण गठबंधन के सह अध्यक्ष टिक्की पांग ने कहा कि दुनिया में उन लोगों के बीच मृत्युदर अधिक है जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में अनुसंधान नीति और सहयोग के पूर्व निदेशक पांग ने कहा, ‘‘यह बीमारी उन लोगों को अधिक प्रभावित कर रही है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और जो स्वास्थ्य की दृष्टि से संवेदनशील समूह में आते हैं। देखिए इस समय हांगकांग में क्या हो रहा है, पूरी स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में है।’’
उन्होंने बताया, ‘अधिकतर मौतें और गंभीर मामले उन लोगों के हैं जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है और आबादी के असुरक्षित हिस्से हैं।’
गौरतलब है कि वर्ष 2020 के शुरुआत में शुरू हुई कोविड महामारी से मौतों की संख्या सात महीने में 10 लाख पहुंची जबकि अगले चार महीने में अन्य 10 लाख की मौत हुई। अगले दस लाख लोगों की मौत तीन महीने में हुई और पिछले साल अक्टूबर में मृतकों की संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई। अब यह संख्या करीब 60 लाख के करीब पहुंच गई है, जो बर्लिन और ब्रसेल्स की संयुक्त आबादी के बराबर है।
हालांकि, मृतकों की संख्या बहुत पहले ही 60 लाख के पार हो चुकी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में कोविड-19 मामलों और मौतों की संख्या वास्तविक से कम बताई जा रही है। इसके कारणों में समय पर इलाज न हो पाना, अस्पतालों में जगह नहीं मिल पाना, महामारी की पुष्टि न हो पाना आदि हैं।
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