कोविड के बाद नई विश्व व्यवस्था की संभावना, भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर विस्तार जारी: मोदी
बजट स्पीच में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में यह सब बोलना संभव भी नहीं होता है
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जैसे पूरी दुनिया बदल गई थी, उसी प्रकार कोरोना महामारी के बाद भी दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है और एक नई विश्व व्यवस्था तैयार होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल वित्त मंत्री ने बहुत ही खूबसूरती से, बहुत ही अच्छे ढंग से बजट के कुछ पहलुओं को हमारे सामने रखा है। बजट स्पीच में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में यह सब बोलना संभव भी नहीं होता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना का यह कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी। यह समय नए अवसरों का है, नए संकल्पों की सिद्धि का है। बहुत जरूरी है कि भारत आत्मिनिर्भर बने और आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2 लाख 85 हजार करोड़ रुपए होता था। आज भारत का एक्सपोर्ट 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपए का आसपास पहुंचा है। अब करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्षों में दिए गए हैं। बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से केन-बेतवा को लिंक करने के लिए जो हज़ारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, उससे यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है।अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पीने का पानी आएगा, खेतों में पानी आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो गरीब थे झोपड़पट्टी में रहते थे, अब उनके पास अपना घर है। पहले के मुकाबले इन घरों के लिए राशि भी बढ़ाई और घरों का साइज भी बढ़ाया है ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए जगह मिल जाए। बड़ी बात यह भी है कि इसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर है यानी हमने महिलाओं को घर की मालकिन भी बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे देश में कोई क्षेत्र पिछड़ा रहे, यह ठीक नहीं। इसलिए हमने आकांक्षी जिला अभियान शुरू किया था। इन जिलों में गरीब की शिक्षा के लिए, स्वास्थ्य के लिए, सड़कों के लिए, बिजली-पानी के लिए जो काम हुए, उसकी प्रशंसा संयुक्त राष्ट्र ने भी की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हमारी सेनाएं, हमारे जवान दिन-रात जुटे रहते हैं, जान की बाजी भी लगा देते हैं। लेकिन सीमा पर जो जवान तैनात हैं, उनके लिए सीमावर्ती गांव भी किले का काम करते हैं। इसलिए उन सीमावर्ती गांवों की देशभक्ति का जज्बा भी अद्भुत होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा से जुड़े एक और बड़े अभियान की बजट में घोषणा की गई है। यह है - पर्वतमाला परियोजना। यह हिमालय के क्षेत्रों में आधुनिक कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज समय की मांग है कि भारत की कृषि भी आधुनिक बने, नए तौर-तरीके अपनाएं। किसानों पर बोझ कम हो। देश की कृषि को टेक्नॉलॉजी आधारित और केमिकल फ्री बनाने के लिए बड़े कदम इस बजट में उठाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते बजट में हमने किसान रेल और किसान उड़ान की सुविधा सुनिश्चित की, अब किसान ड्रोन किसान का नया साथी बनने वाला है। ड्रोन तकनीक से किसान को तो मदद मिलेगी ही, उत्पादन का रियल टाइम डेटा भी उपल्बध होगा। इससे जुड़े स्टार्ट-अप्स को फंड करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से मदद भी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर साल जो लाखों करोड़ रुपए हम खाद्य तेल खरीदने के लिए विदेश भेजते हैं, वो देश के किसानों को ही मिले, इसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का एक बड़ा अभियान निरंतर चल रहा है जिसके माध्यम से खेत में ही सोलर पैनल लगाने के लिए मदद दी जा रही है।
एमएसपी को लेकर भी अनेक प्रकार की बातें फैलाई गई हैं। लेकिन हमारी सरकार ने बीते सालों में एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद है। सिर्फ धान की ही बात करें तो इस सीज़न में किसानों को एमएसपी के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मिलने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा युवा आकांक्षाओं और युवा सपनों को समझती है। यह इस बजट में भी स्पष्ट रूप से दिखता है। इस बजट में स्टार्ट अप्स के लिए टैक्स बेनिफिट को आगे बढ़ाया गया है।
इस साल के बजट में पीएम किसान सम्मान नीधि के तहत 68 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसका लाभ भी देश के करीब 11 करोड़ किसानों को होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को शिक्षा और स्किल के बेहतर अवसर देने के लिए बीते वर्षों में तकनीक का दायरा निरंतर बढ़ाया गया है। इस बजट में इसे विस्तार देते हुए पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का फैसला किया गया है। इससे गरीब बच्चे भी छोटे मोटे कोर्स, क्वालिटी एजुकेशन के साथ आसानी से कर पाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पोस्ट ऑफिस के खातों में भी बैंकों की तरह ही मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम और ऑनलाइन फंड ट्रांस्फर की सुविधा मिल पाएगी। अभी देश में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस हैं, जिसमें से अधिकतर गांवों में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोस्ट ऑफिस में जिनके सुकन्या समृद्धि अकाउंट और पीपीएफ अकाउंट हैं, उनको भी अब अपनी किस्त जमा करने पोस्ट ऑफिस जाने की ज़रूरत नहीं है। अब वो सीधे अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन ट्रांसफर कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सस्ता और तेज इंटरनेट भारत की पहचान बन चुका है। बहुत जल्द सभी गांव तक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी पूरी होगी। 5जी सर्विस भारत में ईज आफ लिविंग और ईज आफ डूइंग बिजनेस को एक अलग ही आयाम देने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के अखबारों में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की भी काफी चर्चा है। इससे डिजिटल इकॉनॉमी को बहुत बल मिलेगा। यह डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी है, उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान पर बोझ न पड़े, इसलिए सरकार ने इस बढ़ी हुई कीमत को वहन किया। इस बजट में इस सब्सिडी को 79 हजार करोड़ से बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपए किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में फर्टिलाइजर की सब्सिडी 80 हजार करोड़ रुपए से भी कम रखी गई थी, लेकिन कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में, सप्लाई चेन में गड़बड़ होने के कारण बहुत बड़ा उछाल आया। अब जहां हमने करीब 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, हमें 60 हजार करोड़ रुपए और लगाने पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 4 जगहों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाए जाएंगे। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। इससे उद्योगों, व्यापार के लिए किसी भी चीज के लाने ले जाने में लगने वाला समय कम होगा, भारत से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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