हिम्मत और हौसला आज भारत की पहचान है: मोदी

हिम्मत और हौसला आज भारत की पहचान है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आप सबसे बातचीत करके बहुत अच्छा लगा। आपसे आपके अनुभवों के बारे में भी जानने को मिला। कला, संस्कृति से लेकर वीरता, शिक्षा से लेकर इनोवेशन, समाज सेवा और खेल जैसे अनेक क्षेत्रों में आपकी असाधारण उपलब्धियों के लिए आपको अवॉर्ड मिले हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि नौजवान साथियो! आपको आज यह जो अवॉर्ड मिला है, यह एक और वजह से बहुत खास है। यह वजह है- इन पुरस्कारों का अवसर! देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का पर्व मना रहा है। आपको यह अवार्ड इस महत्वपूर्ण कालखंड में मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवॉर्ड एक बहुत बड़ी स्पर्धा के बाद आपको मिले हैं, देश के हर कोने से बच्चे आगे आए हैं, उसमें से आपका नंबर लगा है। मतलब अवॉर्ड पाने वालों की संख्या भले ही कम है, लेकिन इस प्रकार से होनहार बालकों की संख्या हमारे देश में अपरम्पार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवॉर्ड के साथ आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी मिली है। अब दोस्तों की, परिवार की, समाज की हर किसी की आपसे अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। इन अपेक्षाओं का आपको दबाव नहीं लेना है, इनसे प्रेरणा लेनी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल दीवाली पर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गया था। वहां मेरी मुलाकात बलदेव सिंह और बसंत सिंह नाम के ऐसे वीरों से हुई जिन्होंने आज़ादी के बाद हुए युद्ध में बाल सैनिक की भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए उतनी कम उम्र में अपनी सेना की मदद की थी।

हमारे भारत का एक और उदाहरण है- गुरु गोविन्द सिंहजी के बेटों का शौर्य और बलिदान। साहिबज़ादों ने जब असीम वीरता के साथ बलिदान दिया था तब उनकी उम्र बहुत कम थी। भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म के लिए उनका बलिदान अतुलनीय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गई है। नेताजी से हमें सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है- कर्तव्य की, राष्ट्रप्रथम की। नेताजी से प्रेरणा लेकर आपको देश के लिए अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आजादी के 75 साल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हमारे सामने अपने अतीत पर गर्व करने का, उससे ऊर्जा लेने का समय है। यह समय वर्तमान के संकल्पों को पूरा करने का है, यह समय भविष्य के लिए नए सपने देखने का है, नए लक्ष्य निर्धारित करके उन पर बढ़ने का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के सामने स्टार्टअप इंडिया जैसे मिशन हैं, स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं, डिजिटल इंडिया का इतना बड़ा अभियान हमारे सामने है, मेक इन इंडिया को गति दी जा रही है, आत्मनिर्भर भारत का जनांदोलन देश ने शुरू किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए आप देखते होंगे कि आज देश में जो नीतियां बन रही हैं, जो प्रयास हो रहे हैं उन सभी के केंद्र में हमारी युवा पीढ़ी है। हमारे पूर्वजों ने तप और त्याग किया, उसके फल हम सभी को नसीब हुए हैं। आप एक ऐसे कालखंड में पहुंचे हैं, देश आज उस जगह पर पहुंचा है कि आप जो बोएंगे उसके फल आपको खाने को मिलेंगे, इतना जल्दी बदलाव होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें गर्व होता है कि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों के सीईओ युवा भारतीय हैं। आज हमें गर्व होता है जब देखते हैं कि भारत के युवा स्टार्ट अप की दुनिया में अपना परचम फहरा रहे हैं।

आज हमें गर्व होता है, जब हम देखते हैं कि भारत के युवा नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं, देश को आगे बढ़ा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में बेटियों को पहले इजाजत भी नहीं होती थी, बेटियां आज उनमें कमाल कर रही हैं। यही तो वो नया भारत है, जो नया करने से पीछे नहीं रहता, हिम्मत और हौसला आज भारत की पहचान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इससे आपको पढ़ने में, सीखने में और आसानी होगी। आप अपनी पसंद के विषय पढ़ पाएं, इसके लिए भी शिक्षा नीति में विशेष प्रावधान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बच्चों ने, अभी वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी अपनी आधुनिक और वैज्ञानिक सोच का परिचय दिया है। 3 जनवरी के बाद से सिर्फ 20 दिनों में ही चार करोड़ से ज्यादा बच्चों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय भी मैं भारत के बच्चों को देता हूं। आप लोगों ने घर-घर में बाल सैनिक बनकर, अपने परिवार को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही आप वोकल फॉर लोकल अभियान के लिए भी आगे आइए। आप घर में गिनती करें कि ऐसे कितने प्रॉडक्ट्स हैं, जो भारत में नहीं बने हैं, विदेशी हैं। इसके बाद घर के लोगों से आग्रह करें कि भविष्य में जब वैसा ही कोई प्रॉडक्ट खरीदा जाए तो वो भारत में बना हो।

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