भारत,रूस,चीन ने आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की

भारत,रूस,चीन ने आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की

नई दिल्ली। रूस, भारत और चीन ने सोमवार को आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा करते हुए इसे रोकने और इसका मुकाबला करने की पुन: पुष्टि की। तीनों देशों ने यह भी कहा कि आतंकी गतिविधि करने, उसका आयोजन करने, ब़ढावा देने या समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और उन्हें न्याय के कटघरे में ख़डा किया जाएगा।रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की १५वीं बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि सभी देश आतंकवाद के हर रूप की निंदा करें और आतंकवाद को रोकने तथा उसको माकूल जवाब देने की प्रतिबद्धता दोहराएं। इसमें कहा गया है कि भारत, रूस, चीन के बीच सहयोग किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं हैं । संयुक्त बयान में कहा गया है कि सभी देशों को अपनी सरजमीं से होने वाले आतंकवादी क्रियाकलापों को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने चाहिए। आतंकवादी कृत्य करने वालों, इसकी साजिश रचने वालों, इसे उकसाने वालों या इसे सहयोग करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाना चाहिए।इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक बातचीत की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि अपने सामरिक संबंधों को और प्रगा़ढ बनाने की पहल करते हुए सुषमा ने लावरोव के साथ सार्थक बैठक की । दोनों नेताओं के बीच रूस,भारत, चीन त्रिपक्षीय बैठक से पहले आपसी हितों से जु़डे मुद्दों पर चर्चा हुई । कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ चर्चा की जो सकारात्मक और आगे की ओर ब़ढने में मदद पहुंचाने वाली रही । यह बैठक रूस, भारत, चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुई ।भारत ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का आह्वान करते हुए कहा कि कट्टरपंथ से मैदानी जंग के साथ ही मानसिक स्तर पर भी मुकाबला करने की जरूरत है। भारत-आसियान कनेक्टिविटी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि भारत इस बात को समझता है कि ऐसी विचारधारा अस्तित्व के समक्ष खतरा पैदा कर रही है जो बुराई, बर्बर आतंकी मिलिशिया के आधार पर दबदबा कायम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कट्टरपंथ से मैदानी जंग के साथ ही मानसिक स्तर पर भी मुकाबला करने की जरूरत है। हम जानते हैं कि इसके लिये हमारे मूल्यों के प्रति आस्था और हमारे उद्देश्यों के प्रति सतत रहना जरूरी है। अकबर ने कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं होता है, यह पूरी तरह से बुराई ही हैं ।कनेक्टिविटी की चर्चा करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने जोर दिया कि सभी सागर में नौवहन स्वतंत्रता सुनिश्चित किये जाने की जरूरत है। अकबर की इस टिप्पणी को दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी रूख के संदर्भ में देखा जा रहा है।अकबर ने कहा, ‘हम बहुलतावाद और संस्कृति एवं आस्था में समानता में विश्वास करते हैं । हम मानवतावादी दर्शन में विश्वास करते हैं जो शांति औ साझे टिकाऊ विकास एवं समृद्धि के लिए सर्वोपरि है और इसलिये हमारा गठजो़ड महत्वपूर्ण है।’’

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