कुंभ मेले में नशे के खिलाफ अभियान, रामदेव ने साधु-संतों से मांगा चिलम का दान
कुंभ मेले में नशे के खिलाफ अभियान, रामदेव ने साधु-संतों से मांगा चिलम का दान
प्रयागराज/दक्षिण भारत डेस्क। प्रयागराज कुंभ में योग गुरु स्वामी रामदेव ने साधु-संतों के बीच अनूठी मुहिम शुरू की है। उन्होंने मेले में नशे के खिलाफ अभियान चलाया और इस मौके उन साधुओं से चिलम का दान मांगा जो धूम्रपान करते हैं। वे इसके जरिए साधु-संतों से अनुरोध कर रहे हैं कि चिलम पीना छोड़ दें और धूम्रपान से दूर रहें।
रामदेव की यह मुहिम साधुओं के बीच असरदार साबित हो रही है। इस मौके पर कई संतों ने उन्हें चिलम दे दी और कहा कि अब वे नशा नहीं करेंगे। इससे पहले रामदेव ने विभिन्न अखाड़ों के साधु-महात्माओं से चर्चा की। उसके बाद उन्होंने संत समाज से अपील की कि वे धूम्रपान से दूर रहें और यदि चिलम आदि पीते हैं तो वह उन्हें दान में दे दें।रामदेव ने इस अभियान को एक छोटा-सी कोशिश बताया है। उन्होंने कहा कि जब हम लोक कल्याण के लिए घर-परिवार और मोह-माया छोड़कर इस पावन ऋषि परंपरा में आ गए तो क्या हम नशा, चिलम और तंबाकू आदि नहीं छोड़ सकते? इस दौरान निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास महाराज ने चिलम दान में दी और अभियान की शुरुआत की। उन्होंने नशा मुक्ति के लिए संकल्प भी लिया।
रामदेव ने कहा कि हमारा खून एक और हमारे पूर्वज एक हैं। कोई ऊंच-नीच नहीं और कोई भेदभाव नहीं। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज गौतम, कणाद, जैमिनि, पाणिनि, पतंजलि, राम, कृष्ण आदि में कोई चिलम नहीं पीता था। उन्होंने कहा कि संत ही समाज को राह दिखाते हैं, इसलिए उनका स्वस्थ रहना आवश्यक है। रामदेव की यह मुहिम सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है। लोगों ने कहा कि संत समाज के अलावा आम लोगों के बीच भी ‘चिलम छोड़ो आंदोलन’ की जरूरत है।