राम मंदिर के लिए नंगे पांव रहने का लिया था संकल्प, 18 साल बाद पूरी हुई प्रतिज्ञा

राम मंदिर के लिए नंगे पांव रहने का लिया था संकल्प, 18 साल बाद पूरी हुई प्रतिज्ञा

18 साल बाद देवदास की प्रतिज्ञा पूर्ण हुई।

किशनगंज/दक्षिण भारत। अयोध्या मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का देशभर में स्वागत किया गया। इस दौरान शांति व्यवस्था के लिए प्रशासन मुस्तैद दिखा, वहीं आमजन भी अपनों से अपील करते नजर आए कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला खुले मन से स्वीकार कर देश में अमन-शांति बरकरार रखें।

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राम मंदिर निर्माण का मार्ग साफ होने से कई लोगों का वर्षों पुराना संकल्प भी पूरा हो गया। बिहार के किशनगंज निवासी एक शख्स ने 18 वर्ष पहले इस संकल्प के साथ जूते-चप्पल पहनने का त्याग कर दिया था कि जब तक राम मंदिर पर फैसला नहीं हो जाता, वे अपनी इस प्रतिज्ञा पर कायम रहेंगे।

जानकारी के अनुसार, देवदास उर्फ देवू दा (36) ने पिछले 18 वर्षों से कभी जूते-चप्पल नहीं पहने। इस दौरान कई मौसम आए और गए लेकिन देवदास अपने संकल्प पर अडिग रहे। अब जबकि उच्चतम न्यायालय की ओर से राम मंदिर निर्माण का फैसला आ गया है तो उनका भी संकल्प पूर्ण हो गया है।

क्षेत्र में देवदास ब्रह्मचारी के नाम से चर्चित शख्स ने 2001 में इंटर परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक राम मंदिर निर्माण का फैसला नहीं आ जाता, वे नंगे पांव ही जीवन बिताएंगे। आखिरकार, 18 साल बाद शनिवार को वह दिन आया जिसका देवदास सहित करोड़ों लोग इंतजार कर रहे थे। देवदास ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि अब संकल्प पूरा हो गया है।

देवदास समाज सेवा से जुड़े हैं और रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करते हैं। वे स्वयं भी रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा लोगों को पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित करते हैं। बताया गया कि देवदास को जब कभी शादी-विवाह या जन्मदिवस जैसे अवसरों पर कार्यक्रम का निमंत्रण मिलता है तो संबंधित परिवार और अतिथियों से कम से कम पांच पौधे लगाने का आग्रह करते हैं। इसी क्रम में देवदास अब तक कई पौधे लगवा चुके हैं।

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