रंगदारी मामला: छात्रा के पिता ने कहा- बेटी का साल खराब हुआ तो जेल और विवि प्रशासन जिम्मेदार
रंगदारी मामला: छात्रा के पिता ने कहा- बेटी का साल खराब हुआ तो जेल और विवि प्रशासन जिम्मेदार
शाहजहांपुर/दक्षिण भारत। बहुचर्चित चिन्मयानंद रंगदारी मामले में आरोपी छात्रा के पिता ने कहा है कि अगर बेटी की उपस्थिति कम रही या जरूरी किताबें न मिलने से साल खराब हुआ तो जेल और विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार होंगे। दरअसल छात्रा के पिता, मां और भाई रविवार को उससे मिलने जेल पहुंचे थे। इस दौरान छात्रा के पिता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बेटी का दाखिला एक विश्वविद्यालय में कराया गया है।
उन्होंने परीक्षा की तैयारी पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन किताबें और आवश्यक अध्ययन सामग्री मुहैया कराए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि बेटी की हाजिरी कम रहने की वजह से उसे परीक्षा देने से रोका जाता है अथवा अध्ययन सामग्री के अभाव में साल खराब होता है तो इसके लिए जेल एवं विवि प्रशासन जिम्मेदार होंगे।उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि बेटी जल्द जेल से बाहर आए और परीक्षा की तैयारी करे। इसके लिए उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दी है। हालांकि अभी उसके लिए तारीख नहीं मिली। परिवार को जल्द सुनवाई का इंतजार है।
दबाव डाले जाने का आरोप
छात्रा के पिता ने उन पर दबाव डाले जाने और परेशान करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के लिए अर्जी दिया जाना उन लोगों को परेशान करने के लिए है। आरोपों के अनुसार, इस प्रकार चिन्मयानंद का पक्ष उन पर दबाव डाल रहा है जिससे कि समझौता हो जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी।
वकील की दलील
बता दें कि चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने कहा था कि उनके मुवक्किल के वीडियो बनाकर पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई। उनके मुताबिक, वायरल वीडियो, एसआईटी जांच और चारों आरोपियों के बयानों में इसका खुलासा हो चुका है। इसलिए इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अंतगर्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि चारों ने गैंग बनाकर अपराध किया है। इस संबंध में सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी गई है। चारों आरोपियों के खिलाफ इस धारा के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी की जाएगी।
रिपोर्ट में मामले के राज़
इसके अलावा, एसआईटी मंगलवार को उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी। दुष्कर्म और रंगदारी मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी को सौंपा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि न्यायालय इस जांच को पूरा करने के लिए कुछ समय और दे सकता है। यह भी कहा गया है कि सबूत और पुख्ता करने के लिए पहली स्टेटस रिपोर्ट के बाद अब तक लिए गए बयानों और दोनों प्रकरण में की गई कार्रवाई, इन सबका आपस में कनेक्शन खंगाला जा रहा है।
एसआई की ओर से उच्च न्यायालय में 23 सितंबर को अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई। अब 22 अक्टूबर को दूसरी रिपोर्ट दाखिल करनी है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एसआईटी गठित हुई थी। दोनों मामलों में चिन्मयानंद, छात्रा सहित पांचों आरोपी जेल में हैं। माना जा रहा है कि इनकी दीपावली जेल में ही बीतेगी।