योगी सरकार की सख्ती, अब भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति
योगी सरकार की सख्ती, अब भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति
लखनऊ/भाषा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग की छवि निखारने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों तथा कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है। उप्र पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया, ‘पुलिस विभाग की छवि साफ-सुथरी बनाने के लिए और विभाग की गंदगी साफ करने के लिए भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी।’
उन्होंने कहा, आईपीएस और पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) तथा अन्य भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की जांच के लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई हैं। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ऐसे अधिकारियों, पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने जांच प्रक्रिया पूरी होने की अवधि के बारे में पूछने पर बताया, ‘एक माह के अंदर।’उन्होंने कहा कि जो आईपीएस, पीपीएस अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मी कम से कम 50 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं या वह पुलिस विभाग में तीस साल की नौकरी पूरी कर चुके हैं, उनकी जांच-पड़ताल की जा रही है।
डीजीपी ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के अनुसार ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
उत्तर प्रदेश के मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, भ्रष्ट और ढीले-ढाले अफसरों के खिलाफ हमारी सरकार की नीति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की है। पिछले दो साल में ऐसे कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत उन्हें वीआरएस दिया गया है। कई अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। उनकी पदोन्नति रोक दी गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले दो साल में करीब 600 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से 169 अधिकारी बिजली विभाग के, 25 अधिकारी पंचायती राज विभाग के, 26 अधिकारी बेसिक शिक्षा के और 18 पीडब्ल्यूडी विभाग के हैं। करीब 200 अधिकारियों को वीआरएस दिया गया है।
सचिवालय प्रशासन विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों और स्टाफ के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे अधिकारियों को जबरन वीआरएस देना चाहिए।


