
एटीएस का खुलासा- मुंबई के इस प्राचीन मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाकर तबाही मचाना चाहते थे आतंकी
एटीएस का खुलासा- मुंबई के इस प्राचीन मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाकर तबाही मचाना चाहते थे आतंकी
मुंबई/भाषा। मुंबई की एक अदालत में दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक एक मंदिर में नरसंहार की कथित योजना बनाने को लेकर महाराष्ट्र से गिरफ्तार आतंकवादी विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के उपदेशों से प्रेरित थे। ये आतंकी आईएस से प्रेरित एक आतंकी समूह ‘उम्मत-ए-मोहम्मदिया’ के सदस्य थे।
महाराष्ट्र एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपपत्र के हवाले से बताया कि समूह की योजना मुंब्रा स्थित 400 साल पुराने श्री मुम्बरेश्वर मंदिर के श्रद्धालुओं के प्रसाद में जहर मिला कर उनका नरसंहार करने की थी।
आरोपपत्र में कहा गया है कि गिरफ्तार आतंकवादियों ने मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने की कोशिश की थी। इन लोगों ने विस्फोटक और जहर बनाने का भी प्रशिक्षण लिया था तथा ठाणे जिले में मुंब्रा बाईपास के नजदीक एक पहाड़ी पर विस्फोट का अभ्यास भी किया था।
महाराष्ट्र आतंक रोधी दस्ता (एटीएस) ने उम्मत-ए-मोहम्मदिया समूह के 10 सदस्यों को इस साल जनवरी में राज्य के मुंब्रा और औरंगाबाद से गिरफ्तार किया था। आतंकी संगठन आईएस से उनके कथित तौर पर तार जुड़े हैं। उन्हें गिरफ्तार कर नरसंहार को अंजाम देने की उनकी योजना नाकाम कर दी गई थी। दरअसल, वे लोग प्रसाद में जहर मिलाना चाहते थे।
आरोपपत्र के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में शामिल ताल्हा पोट्रिक ने प्रसाद में जहर मिलाने की कोशिश की थी। एटीएस ने इस समूह के नेतृत्वकर्ता के तौर पर अबू हमजा की पहचान की है। आरोपपत्र के मुताबिक आरोपी नाइक के उपदेशों से प्रेरित थे जिसके खिलाफ धन शोधन का मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज कर रखा है।
इसमें कहा गया है कि एटीएस ने आरोपियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नाइक की मौजूदगी वाले कई वीडियो और तस्वीरें पाई हैं। समूह के कुछ सदस्य विदेश स्थित अपने आकाओं से भी संपर्क में थे।
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