ईडी ने संप्रग शासन के दौरान एयर इंडिया के सौदों में धनशोधन के मामले दर्ज किए
ईडी ने संप्रग शासन के दौरान एयर इंडिया के सौदों में धनशोधन के मामले दर्ज किए
नई दिल्ली/भाषापहले से ही संकटों से जूझ रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया नई मुश्किल में घिर गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विवादास्पद विलय समेत संप्रग सरकार के दौरान के कम से कम चार सौदों में अनियमितताओं और धनशोधन के आरोंपों की जांच के लिए कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जांच एजेंसी ने कम से कम चार प्रवर्तन प्रकरण सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की हैं जो पुलिस प्राथमिकी के समतुल्य हैं। ईसीआईआर धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि ईडी ने इन मामलों के सिलसिले में एयरलाइंस और अन्य विभागों से प्रासंगिक दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। उन दस्तावेजों को राजनीतिक रुप से संवेदनशील बताया गया है।अधिकारियों के अनुसार जांच एजेंसी यह पता लगाने के लिए खास कोण से जांच करेगी कि क्या कथित अनियमितताओं से कालाधन पैदा हुआ और क्या आरोपियों ने अवैध संपत्ति बनाने के लिए धनशोधन किया। ईडी के ये मामले सीबीआई की चार प्राथमिकियों पर आधारित हैं।सीबीआई के अनुसार संप्रग सरकार के दौरान दो मामले एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विवादास्पद विलय और इन दोनों कंपनियों द्वारा विमानों की खरीद और उन्हें लीज पर देने में कथित विनियमितताओं से संबंधित हैं। अन्य दो मामलों का संबंध एयर इंडिया के अच्छी कमाई वाले मार्गों और उ़डान समयों को देश-विदेश की निजी कंपनियों को सौंपे जाने और एयरलाइन के लिए सॉफ्टवेयर की खरीद में कथित ग़डब़डी से है। एयर इंडिया के अच्छी कमाई वाले मार्गों और उ़डान समयों को सौंपे जाने से सरकारी खजाने को कथित रुप से ब़डा नुकसान हुआ।उम्मीद है कि ईडी इस मामले में संलिप्त अधिकारियों एवं अन्य लोगों को शीघ्र ही पेशी के लिए समन जारी करेगी।सीबीआई ने एयर इंडिया और नागर विमानन के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाध़डी एवं भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मामले दर्ज किए थे। ये मामले दर्ज करते हुए सीबीआई ने पिछले साल कहा था कि ये प्रकरण संप्रग शासन के दौरान मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णयों से संबद्ध हैं और उनसे सरकारी खजानों को करो़डों रुपए का नुकसान हुआ। आरोप है कि विदेशी विमान विनिर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाने के वास्ते इन सरकारी कंपनियों के लिए ७०,००० करो़ड रुपए के १११ विमान खरीदे गए।सीबीआई ने आरोप लगाया था, ऐसी खरीददारी से पहले से ही संकट से गुजर रही सरकारी विमानन कंपनी को कथित वित्तीय नुकसान हुआ। कैग ने २०११ में सरकार के २००६ में करीब ७०,००० करो़ड रुपए में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए एयरबस और बोइंग से १११ विमान खरीदने के फैसले के औचित्य पर सवाल उठाया था।
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