अब वृंदावन में नौका विहार करते देखे गए तेज प्रताप, बोले- ज़िंदगी जी लेने दो
अब वृंदावन में नौका विहार करते देखे गए तेज प्रताप, बोले- ज़िंदगी जी लेने दो
वृंदावन। राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप तलाक के फैसले पर अड़े हुए हैं और पिता से रांची आकर मुलाकात करने के बाद घर नहीं गए हैं। अब खबर है कि तेज प्रताप वृंदावन चले गए हैं और वहां उन्होंने नौका विहार किया। वे पहले भी वृंदावन आते रहे हैं और इस तीर्थ के साथ उनका खास लगाव रहा है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तेज प्रताप शनिवार को वृंदावन में देखे गए। उस दौरान उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा पहन रखा था।
इसके अलावा माथे पर तिलक और गले में कंठी माला पहने हुए थे। तेज प्रताप वृंदावन के प्रसिद्ध केशी घाट पहुंचे और यहां नौका विहार किया। यहां उन्होंने करीब एक घंटा बिताया। उन्होंने मीडिया से दूरी बनाने की भरसक कोशिश की और निजी जिंदगी में दखल न देने की अपील करते रहे। जब उनसे सवाल पूछा गया तो सिर्फ इतना कहा कि मुझे अपनी जिंदगी जी लेने दो भाई! तेज प्रताप ने बताया कि वे शांति की तलाश में हैं और उसमें किसी दूसरे को अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।पिछले दिनों तेज प्रताप द्वारा अदालत में तलाक की अर्जी डालने पर परिवार में भूचाल आ गया था। तब से लालू यादव की सेहत भी ठीक नहीं है। तेज प्रताप के परिजन लगातार मानसिक तनाव की स्थिति का सामना कर रहे हैं। तेज प्रताप रांची स्थित रिम्स अस्पताल में लालू से मिलने आए थे, लेकिन उन्हें पिता से वैसा जवाब नहीं मिला जिसकी उम्मीद कर रहे थे। लालू ने भी उन्हें अपने फैसले पर दोबारा सोचने की सलाह दी।
इसके बाद से तेज प्रताप अपने परिजनों से नाराज बताए जा रहे हैं। सिर्फ पांच माह में ही शादी तोड़ने का फैसला कर चुके तेज प्रताप कई बार तीर्थों के दर्शन के लिए जाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी ऐश्वर्या और उनके स्वभाव में बहुत अंतर है। वे धार्मिक प्रवृत्ति के साधारण इंसान हैं जबकि ऐश्वर्या उच्च शिक्षित और महानगर में पली-बढ़ी लड़की हैं।
चर्चा है कि तेज प्रताप और ऐश्वर्या के बीच विवाद के कारण इस बार राबड़ी देव भी छठ पूजा नहीं करेंगी। वे हर साल छठ पूजा में शामिल होती रही हैं लेकिन इस बार परिवार में कलह के कारण त्योहार मनाने का उत्साह नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राबड़ी देवी की तबीयत भी ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने छठ पूजा से दूर रहने का फैसला किया है। परिवार द्वारा सुख-शांति की कामना के लिए विंध्याचल में एक अनुष्ठान कराए जाने की चर्चा है।