पोत परिवहन मंत्रालय का विशेष अधिकारी राहत अभियान की निगरानी करेगा : मंत्री

पोत परिवहन मंत्रालय का विशेष अधिकारी राहत अभियान की निगरानी करेगा : मंत्री

कन्याकुमारी। केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा कि चक्रवाती तूफान ओखी के बाद पोत परिवहन मंत्रालय के एक विशेष अधिकारी को राहत अभियानों की देखरेख के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। राधाकृष्णन ने यह बात इस जिले के गांवों के मछुआरों के प्रतिनिधियों द्वारा उनसे मुलाकात करने के बाद कही। राधाकृष्णन ने कहा कि चक्रवाती तूफान ओखी के बाद अन्य राज्यों में फंसे मछुआरों को तमिलनाडु वापस लाया जा रहा है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राधाकृष्णन ने कहा कि अन्य राज्यों में चली गई १६ नौकाएं वहां से रवाना हो चुकी हैं तथा १२ और रवाना होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि मछुआरों का पता लगाने के लिए एक ब़डे पोत को लगाया गया है। राधाकृष्णन ने कहा कि मछुआरों को १००० लीटर डीजल और अन्य सहायता मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि मछुआरों की नौकाओं को हुए नुकसान को ठीक करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।राधाकृष्णन ने कहा कि ओखी चक्रवात के बाद से ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा लगातार मछुआरों को बचाने और लापता मछुआरो को ढूंढने की दिशा में कार्य कर रही है इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा राज्य के मछुआरों के बीच राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है और एक झूठी छवि तैयार करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने बताया कि नौसेना और भारतीय कोस्टगार्ड द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान का दायरा ५० नॉटिकल मील से बढाकर १५० नॉटिकल मील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को तमिल भाषा आती है उन्हें दूसरे राज्यों में फंसे राज्य के २००० से अधिक मछुआरों को राज्य में वापस लाने के लिए प़डोसी राज्यों में भेजा गया है।मछुआरों द्वारा लापता मछुआरों को ढूंढने के लिए किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मछुआरों द्वारा अपने दु:ख और गुस्से की अभिव्यक्ति है। इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी राजनेताओं को एक साथ मिलकर मछुआरों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह काफी दु:खद है कि कुछ राजनेता मछुआरों की इस दु:खद स्थिति को लेकर राजनीति कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को यह आश्वासन दिया है कि वह इस परिस्थति में राज्य को हर संभव मदद करेगी और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।मंत्री ने मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से अनुरोध किया कि चक्रवात के कारण हुए नुकसान का प्रत्यक्ष आंकलन करवाया जाए और जिन मछुआरों ने अपना घर, अपनी नौकाएं, मछली पक़डने के उपकरण और अन्य वस्तुओं को नुकसान पहुंचा है उसके लिए उन्हें समुचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जो मछुआरे घायल हैं उन्हें प्रति व्यक्ति १ लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। मंत्री ने कहा कि जो मछुआरे गुजरात में फंसे हैं उन्हें भी जल्द से जल्द राज्य में लाया जाएगा और उन्हें सरकार की ओर से भोजन, चादर और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा चक्रवात से पीि़डत मछुआरों से मुलाकात करने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसमें कुछ भी बलत नहीं है क्योंकि राज्यपाल के कन्याकुमारी जाने का कार्यक्रम चक्रवात आने से कई सप्ताह पहले बनाया गया था।

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