कार्ति के खिलाफ एलओसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्च न्यायालय फैसला करे
कार्ति के खिलाफ एलओसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्च न्यायालय फैसला करे
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय से कहा कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जारी दो लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो महीने के भीतर फैसला करे। यह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति समेत अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार से जु़डा मामला है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचू़ड की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि इन याचिकाओं पर उच्च न्यायालय का फैसला होने तक आरोपी के खिलाफ पिछले वर्ष १६ जून और २८ जुलाई को जारी लुक आउट सर्कुलर प्रभावी रहेंगे।पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ दो महीने के भीतर इन याचिकाओं पर फैसला लेगी। पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता की इस बात पर भी गौर किया कि एलओसी मामलों से निबटने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का अधिकार नहीं होने संबंधी जांच एजेन्सी की दलील निर्णय के लिए उपलब्ध रहनी चाहिए। पीठ ने उच्च न्यायालय को आरोपियों की याचिकाओं पर गुणदोष के आधार पर फैसला लेने का भी अधिकार दिया, इन आवेदनों में विदेश जाने की अनुमति मांगने से जु़डा आवेदन भी शामिल है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने मामले के गुणदोष के बारे में कोई राय पेश नहीं की है। उसने उच्च न्यायालय से कहा कि वह इनसे स्वतंत्र रूप से निपटे। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने भ्रष्टाचार के मामले में कार्ति और अन्य के खिलाफ जारी एलओसी पर रोक लगा दी थी।यह मामला वर्ष २००७ का है और ३०५ करो़ड रूपए के विदेशी कोष प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की मंजूरी दिए जाने से जु़डा है। यह तब की बात है जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। बाद में, शीर्ष अदालत ने सीबीआई की अपील के मद्देनजर एलओसी पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन को रोक दिया था। उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करने से जु़डी कुछ अन्य याचिकायें विचार के लिए अपने पास रख ली थीं।