कोरोना की पहली लहर में हौसले के साथ लड़ाई लड़ी, इस बार भी विजयी होगा भारत: मोदी
कोरोना की पहली लहर में हौसले के साथ लड़ाई लड़ी, इस बार भी विजयी होगा भारत: मोदी
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने फिर दो बड़े चक्रवात ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी तट पर चक्रवात यास का सामना किया। देश और जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, उसके लिए मैं आदरपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी एक साथ मिलकर इस आपदा के सामने करने में जुटे हैं। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की शुरुआत में देश में सिर्फ एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा टेस्ट एक दिन में हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कितने ही फ्रंटलाइन कार्यकर्ता सेंपल कलेक्शन के काम में लगे हुए हैं। संक्रमित मरीजों के बीच जाना, उनका सेंपल लेना, यह कितनी सेवा का काम है। आप सोचिए, हमारे देश में इतना बड़ा संकट आया, इसका ऐसे देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चला है। इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है। कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे कितने ही देशवासियों के संदेश, उनके पत्र देश के कोने-कोने से मिलते हैं। कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आदिवासी इलाके से कुछ साथियों ने मुझे एक संदेश भेजा था कि सड़क बनने के बाद पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि वो भी बाकी दुनिया से जुड़ गए हैं। ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की ख़ुशी साझा करता है। इन 7 सालों में आप सबकी ऐसी करोड़ों खुशियों में, मैं शामिल हुआ हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे। लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नया विश्वास देश में आयुष्मान योजना से भी आया है। जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है। इन 7 सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। हम रिकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रिकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 7 वर्षों में ही देश के अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।
इन 7 सालों में हमने साथ मिलकर ही कई कठिन परीक्षाएं भी दी हैं और हर बार हम सभी मजबूत होकर निकले हैं। कोरोना महामारी के रूप में, इतनी बड़ी परीक्षा तो लगातार चल रही है। इस वैश्विक महामारी के बीच भारत, ‘सेवा और सहयोग’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पहली लहर में भी पूरे हौसले के साथ लड़ाई लड़ी थी, इस बार भी वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा। दो गज दूरी, मास्क से जुड़े नियम हों या फिर वैक्सीन, हमें ढिलाई नहीं करनी है। यही हमारी जीत का रास्ता है।