पुरी रथ यात्रा: सीजेआई ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 जजों की पीठ का गठन किया

पुरी रथ यात्रा: सीजेआई ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 जजों की पीठ का गठन किया

पुरी रथ यात्रा: सीजेआई ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 जजों की पीठ का गठन किया

उच्चतम न्यायालय। स्रोत: Supreme Court of India Website

नई दिल्ली/भाषा। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर इस साल लोगों की भागीदारी के बिना पुरी की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को आयोजित करने की अनुमति दी जा सकती है।

केंद्र ने यात्रा के आयोजन पर रोक लगाने वाले शीर्ष अदालत के 18 जून के फैसले में सुधार का अनुरोध करते हुए कहा, ‘सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता।’

वहीं, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने पुरी रथ यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया है।

बता दें कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख करते हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘यह कई करोड़ लोगों की आस्था का मामला है। अगर भगवान जगन्नाथ को कल बाहर नहीं लाया गया तो परंपरा के मुताबिक उन्हें अगले 12 साल तक बाहर नहीं निकाला जा सकता है।’

मेहता ने कहा कि राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है। ओडिशा सरकार ने भी शीर्ष अदालत में केंद्र के रुख का समर्थन किया। पुरी रथ यात्रा में दुनियाभर से लाखों लोग शामिल होते हैं और यह 23 जून से निर्धारित है।

शीर्ष अदालत ने 18 जून को कहा था कि नागरिकों की सुरक्षा एवं जन स्वास्थ्य के हित में इस साल की रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी जा सकती है और ‘अगर हम इसकी अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।’

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