न्यूनतम खर्च पर कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों की पहचान करे केंद्र: उच्चतम न्यायालय

न्यूनतम खर्च पर कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों की पहचान करे केंद्र: उच्चतम न्यायालय

न्यूनतम खर्च पर कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों की पहचान करे केंद्र: उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय। स्रोत: Supreme Court of India Website

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह उन निजी अस्पतालों की पहचान करे, जो कोविड-19 के मरीजों का मुफ्त या कम खर्च में इलाज कर सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि ऐसे निजी अस्पताल हैं जिन्हें मुफ्त या बेहद कम दामों पर जमीन आबंटित की गई है और उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का निशुल्क इलाज करना चाहिए।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘आप उन सभी अस्पतालों की पहचान करके पता लगाएं। उन्हें या तो मुफ्त या फिर नाममात्र की कीमत पर भूमि आबंटित की गई है। इन धर्मार्थ अस्पतालों को मरीजों का निशुल्क इलाज करना चाहिए।’ पीठ ने इन टिप्पणियों के साथ ही इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। केंद्र की ओर से मेहता ने पीठ से कहा कि यह नीतिगत मामला होने के कारण इस पर सरकार को ही निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेंगे।

न्यायालय एक याचिका में दायर आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें देश के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के खर्च को नियंत्रित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने 30 अप्रैल को अधिवक्ता सचिन जैन की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि निजी अस्पताल संकट की इस घड़ी में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का व्यावसायिक तरीके से शोषण कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि सरकार को उन निजी अस्पतालों, जिन्हें रियायती दर पर सार्वजनिक भूमि आबंटित की गई है या जो धर्मार्थ अस्पतालों की श्रेणी में आते हैं, उन्हें कोविड-19 के मरीजों का जनसेवा के रूप में या बगैर किसी नफे-नुकसान के आधार पर इलाज करने का आदेश देना चाहिए।

याचिका में ऐसे निजी अस्पतालों में कोविड-19 से संक्रमित गरीब और बगैर किसी स्वास्थ्य बीमा वाले मरीजों तथा सरकार की आयुष्मान भारत जैसी योजना के दायरे में नहीं आने वाले मरीजों के इलाज का खर्च सरकार को वहन करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका के अनुसार आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र ने जिस तरह निजी अस्पतालों में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की जांच की कीमत को नियंत्रित किया है, ठीक उसी तरह उसे इस महामारी से प्रभावित मरीजों के उपचार पर होने वाले खर्च को भी नियंत्रित करना चाहिए।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News