कोविड-19: सरकार ने परामर्श जारी कर लोगों से ‘घर पर बना मास्क’ लगाने को कहा

कोविड-19: सरकार ने परामर्श जारी कर लोगों से ‘घर पर बना मास्क’ लगाने को कहा

नई दिल्ली/भाषा। भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने के साथ ही केंद्र सरकार ने शनिवार को एक परामर्श जारी कर कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए लोगों से ‘घर पर बना मास्क’ लगाने को कहा है, खासतौर पर तब जब वे घरों से बाहर निकलें।

‘चेहरे और मुंह के बचाव के लिए घर में बने सुरक्षा कवर के इस्तेमाल पर परामर्श’ में सरकार ने कहा कि ऐसे मास्क के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर समुदाय का बचाव होगा और कई देशों ने घर में बने मास्क के आम लोगों के लिए फायदेमंद होने का दावा किया है।

देश में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या शनिवार को बढ़कर 2,902 हो गई जबकि इस बीमारी के कारण मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 68 हो गया है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी नागरिकों के लिए स्वैच्छिक रूप से गैर-चिकित्सीय मास्क की अनुशंसा की है जिससे चिकित्सा कर्मियों के लिए चिकित्सा-स्तरीय मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अनुशंसा की है कि अमेरिकी साधारण कपड़ा या कपड़े से बने मास्क का उपयोग चेहरे को ढकने के लिए करें। इन्हें ऑनलाइन खरीदा जा सकता है या घर पर भी बनाया जा सकता है।

भारत सरकार ने अपने परामर्श में रेखांकित किया कि घर में बने मास्क निश्चित रूप से सफाई में मददगार हैं लेकिन इसके साथ ही चेताया भी कि घर में बनाए गए मास्क की अनुशंसा स्वास्थ्य कर्मियों अथवा कोविड-19 के मरीजों का इलाज या उनके संपर्क में रह रहे लोगों के लिए नहीं है। इन मास्क का इस्तेमाल मरीजों को भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन श्रेणी के लोगों को खास तौर पर बचाव के लिए तैयार मास्क पहनने की जरूरत होती है।

इसमें कहा गया, यह सुझाव दिया जाता है कि जो लोग किसी स्वास्थ्य विकार से ग्रस्त नहीं हैं या जिन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं है वे घर में बने फिर से इस्तेमाल हो सकने वाले मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं खास तौर पर तब जब वे अपने घरों से बाहर निकल रहे हों। इससे समुदाय के बचाव में मदद मिल सकेगी।

परामर्श में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये घर में बने मास्क को लेकर सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की तरफ से जारी एक नियमावली भी है। इस नियमावली में सुझाव है कि देशभर में घनी आबादी वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को खास तौर पर चेहरा ढकना चाहिए।

इसमें कहा गया है, घर में बने पुन: इस्तेमाल होने वाले मास्क संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़े गए हवा में मौजूद कणों को हमारे शरीर के अंदर पहुंचने से रोकने में कुछ हद तक मदद करते हैं लेकिन यह पूरी तरह बचाव नहीं करते। इसमें कहा गया है कि घर में बने ऐसे मास्क को रोज धोना व साफ किया जाना चाहिए।

नियमावली में समाजिक दूरी बरकरार रखने पर भी जोर दिया गया है। नियमावली के मुताबिक, मास्क बनाने के लिए कोई भी सूती कपड़ा इस्तेमाल किया जा सकता है। कपड़े के रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यह सुनिश्चित करें कि मास्क बनाने से पहले कपड़े को कम से कम पांच मिनटों तक खौलते पानी में उबाला जाए और फिर अच्छी तरह सुखाया जाए।

इसमें मास्क बनाते समय लोगों से कुछ सावधानियां बरतने को भी कहा गया है। खास तौर पर यह देखने को कहा गया है कि मास्क चेहरे पर पूरी तरह फिट हो और इसमें साइड से कोई खुली जगह न हो।

नियमावली में लोगों से मास्क पहनने से पहले अपना हाथ अच्छे से धोने को कहा गया है। मास्क के गंदा होने पर उसे बदलने और बिना साफ किए दुबारा नहीं लगाने को कहा गया है। इसमें लोगों से अपना मास्क किसी से भी साझा नहीं करने को कहा गया है। हर सदस्य के पास अपना मास्क होना चाहिए।

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