गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- जमाखोरों, कालाबाजारी करने वालों पर होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- जमाखोरों, कालाबाजारी करने वालों पर होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली/भाषा। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे लोगों के खिलाफ कड़े कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर उत्पादन में कमी और श्रम संकट के चलते इस तरह के कृत्यों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकार केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि में आपदा प्रबंधन कानून के तहत खाद्य पदार्थों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों जैसी आवश्यक वस्तुओं के संदर्भ में उत्पादन, परिवहन और अन्य संबंधित आपूर्ति शृंखला गतिविधियों की मंजूरी दे दी है।हालांकि विभिन्न कारकों, खासकर श्रम आपूर्ति में कमी की वजह से उत्पादन में कमी की खबरें हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी, अनुचित व्यापार और इन्हें अधिक दाम में बेचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भल्ला ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 लागू कर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि कदमों में भंडारण सीमा तय करने, मूल्य सीमा निर्धारित करने, उत्पादन बढ़ाने, डीलरों के खातों की जांच करने और अन्य उपाय शामिल हैं।
#IndiaFightsCOVID19
MHA writes to States to ensure availabilty of essential goods, by invoking Essential Commodities Act 1955.
Take urgent steps to prevent hoarding/black marketing and ensure essential commodities are available at fair prices for public at large: MHA#Lockdown21 pic.twitter.com/9K2l4EDjUo— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 8, 2020
https://platform.twitter.com/widgets.js
भल्ला ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों में दोषी पाए जाने पर सात साल की कैद या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अपराध करने वालों को कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 के तहत हिरासत में रखने पर विचार कर सकते हैं।’
गृह सचिव ने कहा कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 30 जून, 2020 तक आवश्यकता या केंद्र सरकार की पूर्व सहमति में ढिलाई देते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आदेश अधिसूचित करने को अधिकृत कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे व्यक्तिगत तौर पर आग्रह करता हूं कि आप जनता को इन वस्तुओं की उचित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।’ कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी।