नई दिल्ली/भाषाकेंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि असम के सिलचर हवाईअड्डे पर टीएमसी सांसदों को कानून व्यवस्था की स्थिति का ध्यान रखते हुए रोका गया था और पार्टी के जनप्रतिनिधियों की तरफ से अशोभनीय बर्ताव भी किया गया था। तृणमूल कांग्रेस ने असम में पार्टी के सांसदों को हवाईअड्डे परे रोके जाने पर देश में अघोषित आपातकाल’’ होने का आरोप लगाया है।लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि असम सरकार को मीडिया और खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के आने से कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए सिलचर हवाईअड्डे पर पहुंचे टीएमसी के जनप्रतिनिधियों से जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने हाथ जो़डकर अनुरोध किया कि धारा १४४ लागू होने की वजह से उनका हवाईअड्डे से बाहर जाना ठीक नहीं है।गृह मंत्री ने कहा कि उपायुक्त (डीसी) ने कल दोपहर १:५५ बजे सिलचर हवाईअड्डे पर उतरे तृणमूल सांसदों, विधायकों की यथोचित प्रोटोकॉल के साथ अगवानी की और निषेधाज्ञा का उल्लेख करते हुए उनसे वापस जाने का अनुरोध किया। सिंह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के पूरे जनप्रतिनिधि मंडल को वैसा ही सम्मान दिया गया जैसा जनप्रतिनिधियों को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सिलचर हवाईअड्डे पर अधिकारियों के साथ बहस की और उन्होंने अशोभनीय स्थिति भी पैदा की जहां धक्कामुक्की में हवाईअड्डे की दो महिला सुरक्षाकर्मी चोटिल हुईं और साथ ही अन्य यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना प़डा। उन्होंने कहा कि बाद में कोलकाता और दिल्ली की कोई उ़डान नहीं होने और तृणमूल सांसदों के वापस नहीं जाने पर उन्हें सीआरपीसी की धारा १५१ के तहत हिरासत में लिया गया और उनके लिखित अनुरोध पर रात को हवाईअड्डे के विश्रामगृह में ठहराया गया।