आसाराम के अर्श से फर्श पर गिरने की कहानी

आसाराम के अर्श से फर्श पर गिरने की कहानी

अहमदाबाद/भाषाएक समय स्वयंभू बाबा आसाराम लाखों लोगों द्वारा पूजा जाता था और लोगों की इन्हीं भावनाओं का दोहन कर उसने अपना करो़डों रुपए का भक्ति साम्राज्य ख़डा किया था लेकिन एक नाबालिग से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद उसकी प्रतिष्ठा धूल में मिल गई और उसकी सल्तनत ढहनी शुरू हो गई। अदालत ने उसे बलात्कार के इसी मामले में आज दोषी करार दिया।अगर आकं़डों की बात करें तो १९७० के दशक में साबरमती नदी के किनारे एक झोंप़डी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में ४०० से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में १०,००० करो़ड रुपये का साम्राज्य ख़डा कर लिएा। वर्ष २०१३ के बलात्कार मामले में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद यहां मोतेरा इलाके में उसके आश्रम से पुलिस द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच से खुलासा हुआ कि ७७ वर्षीय आसाराम ने करीब १०,००० करो़ड रुपये की संपत्ति बना ली थी और इसमें उस जमीन की बाजार कीमत शामिल नहीं हैं जो उसके पास है। आसाराम के समर्थकों की अब भी अच्छी खासी तादाद हो सकती है लेकिन बलात्कार के आरोपों के बाद उस पर जमीन ह़डपने और अपने आश्रमों में काला जादू करने जैसे अन्य अपराधों के आरोप भी लगे। उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद डॉक्यूमेंट्री के अनुसार आसाराम का जन्म वर्ष १९४१ में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेरानी गांव में हुआ था और उसका नाम असुमल सिरुमलानी था।वर्ष १९४७ के विभाजन के बाद आसुमल अपने माता-पिता के साथ अहमदाबाद आया और वह मणिनगर इलाके में एक स्कूल में केवल चौथी कक्षा तक प़ढा। उसे दस साल की उम्र में अपने पिता की मौत के बाद प़ढाई छो़डनी प़डी। डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि युवावस्था में छिटपुट नौकरियां करने के बाद आसुमल आध्यात्मिक खोज पर हिमालय की ओर निकन प़डा जहां वह अपने गुरू लीलाशाह बापू से मिला। यही वह गुरू थे जिन्होंने वर्ष १९६४ में उसे आसाराम नाम दिया।इसके बाद आसाराम अहमदाबाद आया और उसने मोतेरा इलाके के समीप साबरमती के किनारे तपस्या शुरू की। आध्यात्मिक गुरू के रूप में उसका असल सफर १९७२ में शुरू हुआ जब उसने नदी के किनारे मोक्ष कुटीर स्थापित की। साल-दर-साल संत आसारामजी बापू के रूप में उसकी लोकप्रियता ब़ढती गई और उसकी छोटी सी झोंप़डी आश्रम में तब्दील हो गयी। महज चार दशकों में उसने देश और विदेश में करीब ४०० आश्रम खोल लिए। यहां तक कि आज मोतेरा आश्रम समर्थकों से भरा प़डा है जो अब भी यही रट लगाए हुए हैं कि उनके गुरू को झूठे आरोपों पर जेल भेजा गया।आसाराम ने लक्ष्मी देवी से शादी की और उसके दो बच्चे नारायण साई और बेटी भारती देवी है। नारायण साई भी जेल में बंद है। आसाराम पहली बार मुसीबत में तब प़डा जब उसके दो रिश्तेदार दिपेश और अभिषेक वाघेला वर्ष २००८ में रहस्यमयी परिस्थितियों में मोतेरा आश्रम के समीप मृत पाए गए। राज्य सीआईडी ने इस मामले में वर्ष २००९ में आसाराम के सात समर्थकों पर मामले दर्ज किए। दोनों रिश्तेदारों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें आसाराम के आश्रम में इसलिए मारा गया क्योंकि वे काला जादू करते थे।हालांकि आसाराम की ख्याति असल में वर्ष २०१३ में गिरनी शुरू हई जब उसे राजस्थान में नाबालिग से बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सूरत की दो बहनों ने भी आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पी़डन का आरोप लगाया। सूरत पुलिस ने छह अक्तूबर २०१३ को दो बहनों की शिकायतों पर मामला दर्ज किया। गांधीनगर की अदालत में आसाराम के खिलाफ यह मामला चल रहा है। उस पर सूरत और अहमदाबाद में अपने आश्रमों के लिए जमीन ह़डपने का भी आरोप है। उसके समर्थकों को बलात्कार के मामलों में गवाहों को धमकाने के लिए पक़डा भी गया था। आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में अदालत ने आज दोषी ठहराया।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download