राज्यसभा सभापति के पक्ष में दिखाई दिए सभी विपक्षी सांसद

राज्यसभा सभापति के पक्ष में दिखाई दिए सभी विपक्षी सांसद

चेन्नई। शुक्रवार को राज्यसभा में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। गत मंगलवार को राज्यसभा में जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने में सभापति वेंकैया नायडू पर भेदभाव का आरोप लगाने वाले तथा इसकी कार्यवाही का बहिष्कार करने वाले विपक्षी पार्टियों के सांसद राज्यसभा के सभापति के समर्थन में नजर आए। चाहे कांग्रेस के सांसद हों या समाजवादी पार्टी के, सभी वेंकैया नायडू के समर्थन में नजर आ रहे थे। राज्यसभा में यह नजारा काफी अप्रत्याशित था क्योंकि सभी विपक्षी सदस्य सभापति वेंकैया के सम्मान में अपनी बातें रख रहे थे। सभी विपक्षी सदस्यों ने हाल ही में एक राज्यसभा सांसद की ओर से सभापति नायडू के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने की आलोचना की। फेसबुक पर सभापति के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग करते हुए पोस्ट लिखने वाले सांसद से अन्य सांसदों ने सभापति से माफी मांगने के लिए कहा।
शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद सर्वप्रथम समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सभापति से बोलने की अनुमति मांगी। सभापति नायडू द्वारा मंजूरी देने के बाद अग्रवाल ने बगैर संबंधित सदस्य का नाम लिए फेसबुक पर की गई टिप्पणी की निंदी की। उन्होंने कहा कि,’हम सब इस चेयर का सम्मान करते हैं, सबको चेयर पर भरोसा है, मगर एक माननीय सांसद ने सभापति के खिलाफ कुछ ऐसे शब्द फेसबुक पर लिखे हैं, जो संसदीय नहीं हैं। चेयर हमें कुछ भी कहे, हम सबको अधिकार है कि कोई बात हम चेयर के कमरे में कहें, मगर फेसबुक और सोशल मीडिया पर लिखने से सदन और कुर्सी की गरिमा गिरती है।’ अग्रवाल ने सदन को संबोधित करते हुए कि वह चाहेंगे कि आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले माननीय सांसद चेयरमैन से खेद प्रकट करें।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम सभी सदन के अंदर सभापति की कुर्सी के प्रति सम्मान के साथ कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के बीच आपस में वैचारिक मतभिन्नताएं हो सकतीं हैं लेकिन जहां तक सभापति का सवाल है कि हम सब इससे बंधे हैं, जिस भी सदस्य ने टिप्पणी की है, यह सदन की अवमानना है। उनको खेद प्रकट करना चाहिए।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि,’फेसबुक हमारे बस की बात नहीं है, न कभी पढ़ता हूं, फिर भी फेसबुक पर ऐसी चीजें आ जाएं तो हम निंदा करते हैं। डेरेक-ओ-ब्रायन ने भी सभापति वैंकैया नायडू के समर्थन में कहा कि चेयरमैन ने हमें पूरा मौका दिया है बोलने के लिए, इस नाते हमें इस प्रकार की बातें सोशल मीडिया पर नहीं सदन में बोलनी चाहिए।

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