विकास को राजनीति के तराजू से न तौला जाए : मोदी

विकास को राजनीति के तराजू से न तौला जाए : मोदी

उत्तरप्रदेश के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के नोएडा नहीं आने से जु़डे अंधविश्वास पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अंध श्रद्धा और मान्यताओं में कैद होकर कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता और ऐसे में कहीं जाने से कुर्सी ना चली जाए, अगर मुख्यमंत्री इस डर से जीते हैं तो ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बनने का कोई ह़क नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देता हूं कि उन्होंने बिना बोले यहां आकर इस मिथक को तो़डने का काम किया है। इनके कप़डों को देखकर यह भ्रम फैलाया जाता है कि वे आधुनिक विचारों के नहीं हैं, पुरानपंथी हैं, पुरानी मान्यताओं को मानने वाले हैं लेकिन उन्होंने इस मान्यता को तो़डा कि अगर कोई मुख्यमंत्री यहां आए तो वह सरकार में नहीं रह सकता। मोदी ने कहा कि कहीं जाने से कुर्सी ना चली जाए अगर मुख्यमंत्री इस डर से जीते हैं तो ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बनने का कोई ह़क नहीं है। श्रद्धा का अपना स्थान होता है पर अंधश्रद्धा के लिए कोई स्थान नहीं है। मान्यताओं में कैद होकर कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने इसी संदर्भ में गा़डी को लेकर एक मुख्यमंत्री से जु़डी घटना का भी जिक्र किया। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी अंध्रश्रद्धा में जीने वाले लोग सार्वजनिक जीवन में बहुत अहित करते हैं। उन्होंने कहा कि जब वे (मोदी) गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब उन्हें ऐसे पांच-छह स्थानों के बारे में बताया गया जहां जाने से कुर्सी चले जाने की मान्यता है। मैंने उनसे कहा कि पहले साल में इन्हीं स्थानों की यात्रा पूरी की जाए।

नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश नीति के आधार पर चलता है, किसी की मर्जी से नहीं और उनकी सरकार विकासोन्मुख सुशासन के मंत्र के साथ देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने को कृत संकल्प है। दिल्ली मेट्रो की १२ किमी लंबी मेजेंटा लाइन का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में एक भी विषय ऐसा नहीं होगा जिसपर राजनीतिक रंग न लगा हो। इसलिए कभी कभी विकास के उत्तम कार्य भी हमेशा जनहित के तराजू में तौलने की बजाए राजनीतिक हितों के तराजू पर तौले जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या राजनीतिक लाभ हो, तभी काम करना चाहिए? राजनीतिक लाभ नहीं हो तब क्या देश को अधर में लटकने देना चाहिए ? मोदी ने कहा कि और इसलिए देश ने एक ऐसी सरकार चुनी है जो नीति पर चलती है, साफ नीयत से काम करना जानती है और आम लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की नीयत से काम करना करना चाहती है। हमारे सारे कार्य आम लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हम कभी यह कहते हैं कि छो़डो यार, ऐसे ही चलेगा। कभी कहते हैं कि हम तो गरीब देश हैं। कोई काम कराने जाओ, तब पूछा जाता है कि मेरा क्या और उसकी स्वार्थ सिद्धि नहीं हुई तब वह कहेगा कि तुम जानो, तुम्हारा काम जाने। मेरा क्या, मुझे क्या। इस स्थिति को देश ने बर्बाद कर दिया है लेकिन मैंने भी इसे बदलने का बी़डा उठाया है। कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि यह देश समृद्ध और सम्पन्न देश है लेकिन देश की जनता को उस सम्पन्नता और समृद्धि से अलग रखा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए बारीकियों में देखा जाए तो ध्यान यह आता है कि समस्याओं की ज़ड में एक महत्वपूर्ण कारण शासन व्यवस्था है। हमारी सरकार आने के बाद हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन की तपस्या से प्रेरणा लेते हुए सुशाासन के साथ देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने को कृत संकल्प हैं। उन्होंने कहा कि यह देश नीति के आधार पर चलता है, किसी की मर्जी के आधार पर नहीं। और नीतियां लिखित में होती हैं। हम इस देश को अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन के सपने के आधार पर आगे ब़ढा रहे हैं। हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को लेकर आगे ब़ढ रहे हैं। हम विकासोन्मुख सुशासन को आगे लेकर ब़ढ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम विकास की बात करते हैं तब हमारा आशय होता है कि विकास सर्वसमावेशी हो, विकास सर्वस्पर्शी हो, विकास सार्वदेशिक हो, विकास का आशय सबका साथ, सबका विकास एवं सबकी भागीदारी के मंत्र से जु़डा हो। उन्होंने कहा कि विकास आने वाली पी़ढी के भविष्य को ध्यान में रखकर होना चाहिए।सोमवार को नोय़डा के बॉटिनिक गार्डन से कालका मंदिर तक के लिए मैजेन्डा मेट्रो लाइन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक सहित अनेक वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

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